छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का आयोजन, 1 से 3 जून तक रायगढ़ के राम-लीला मैदान में आयोजित होगी रामायण प्रतियोगिता

5/16/2023 4:59:36 PM

रायपुर (सतेंद्र शर्मा): मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की विशेष पहल पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) की तर्ज पर रायगढ़ में आगामी माह के 1 जून से 3 जून तक तीन दिवसीय भव्य राष्ट्रीय रामायण महोत्सव (National Ramayana Festival) का आयोजन होने जा रहा है। संस्कृति विभाग द्वारा इस आयोजन जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है। आदिवासी नृत्य महोत्सव की तरह ही देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशी कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। जल्द ही छत्तीसगढ़ की धरा पर देश-विदेश के कलाकारों द्वारा रामायण की अनूठी प्रस्तुति देखने को मिलेगी।  

छत्तीसगढ़ से भगवान राम (lord ram) का गहरा नाता है। मान्यता है कि वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम दंडकारण्य (Dandakaranya) से होकर गुजरे थे और छत्तीसगढ़ के वनों का हिस्सा ही दंडक अरण्य का भाग था। इस बात को ध्यान में रखते हुए आयोजन में अरण्य कांड के प्रसंगों पर विशेष प्रस्तुतियां होगी। संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रामायण महोत्सव (Ramayana Festival) में देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले मानस मंडली के कलाकार दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक और विदेशों से आने वाले मानस मंडली के द्वारा रात्रि 8 बजे सेे रात्रि 10 बजे तक प्रस्तुति दी जाएगी। इस भव्य आयोजन में अरण्यकांड पर केंद्रित प्रसंगों पर विभिन्न राज्यों से आए मानस दलों के साथ ही विदेशी दलों के द्वारा रामायण की प्रस्तुति की जाएगी। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में सामूहिक हनुमान चालीसा एवं भव्य केलो आरती का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में दीपदान किया जाएगा।

संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पहली बार संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का भव्य आयोजन रायगढ़ के राम लीला मैदान में किया जाएगा। इस महोत्सव में शामिल होने वाली मानस मंडलियों के पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार 5 लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रूपए और तृतीय पुरस्कार की राशि 2 लाख रूपए तय की गई है। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन से प्रदेश की संस्कृति को संजोने की दिशा में एक अनोखी पहल होगी।

उल्लेखनीय है कि रामायण की कथा अनेक भाषाओं में लिखी गई है और अनेक देशों में इनका मंचन होता है। इनकी सुंदर प्रस्तुति का मंच रायगढ़ में रामलीला मैदान बनेगा। हमारे देश में रामलीला की अनवरत परंपरा रही है। जब रामकथा को महोत्सव के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, तो बड़ी संख्या में लोग राम कथा के माध्यम से उनके आदर्शों की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। छत्तीसगढ़ में तुलसीदास जी का रामचरित मानस जन-जन में व्याप्त है। अब रामायण महोत्सव के माध्यम से वाल्मीकि से लेकर भवभूति तक भगवान राम के आदर्शों की झलक देखने का अवसर दर्शकों को मिल सकेगा। रामायण का विस्तार कम्बन के तमिल रामायण से लेकर कृतिवास के बंगला रामायण तक है। इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में भी इसके कई रूप प्रचलित है। रामायण महोत्सव के माध्यम से श्रीराम के चरित्र के इन सुंदर रूपों की झलक दर्शकों को मिल सकेगी।

Vikas Tiwari

This news is Content Writer Vikas Tiwari