कचरे-झाड़ियों की बजाय पहली बार पालने में मिला नवजात

9/5/2018 10:53:07 AM

इंदौर : पहली बार कोई शिशु मातृछाया शिशु गृह के बाहर लगाए गए पालने में छोड़ा गया है। अब तक शिशु कभी कचरे तो कभी झाड़ियों और सड़क किनारे मिले हैं। फिलहाल उसकी हालत सामान्य है। लगातार सभी सार्वजनिक स्थानों पर पालने लगाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। अब तक जिले में सिर्फ आठ स्थानों पर ही पालने लगे हैं जबकि करीब 35 स्थानों पर लगाने की योजना है। इसमें लापरवाही के कारण मासूम सड़क पर फेंक दिए गए। खराब परिस्थितियों के कारण किसी ने दम तोड़ दिया तो किसी की हालत बिगड़ गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने बताया कि पहली बार मासूम को पालने में डाला गया है। वह नवजात है। उसकी स्थिति बिल्कुल ठीक है।

बाल कल्याण समिति द्वारा किशोर न्याय कानून के अनुसार उसे निराश्रित घोषित किया जाएगा। इसके बाद वह गोद जाने के लिए स्वतंत्र होगा। सबसे खास बात यह है कि पालने में छोड़कर जाने वाले व्यक्ति की पहचान कभी भी उजागर नहीं होती है, क्योंकि पालने के आसपास कहीं भी कैमरे नहीं लगाए जा रहे हैं। बताया गया है कि अब तक राजकीय बाल संरक्षण आश्रम छावनी, मातृछाया बॉम्बे हॉस्पिटल के पीछे, संजीवनी, श्रद्धानंद आश्रम कोठारी मार्केट, जीवन ज्योति राऊ, सागर सामाजिक संस्था टिगरिया बादशाह, लोकबिरादरी ट्रस्ट स्नेहलतागंज, युगपुरुषधाम पंचकुइया पर लगाए गए हैं।

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