चुनाव से पहले व्यापमं मामले में हुआ बड़ा खुलासा, कोर्ट ने दिए ये आदेश

10/31/2018 10:59:15 AM

इंदौर:  चुनाव से पहले व्यापमं में फिर नया मोड़ आ गया है। कोर्ट ने व्यापमं के पूर्व मुख्य सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा की जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए है। केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश समरेश सिंह ने की है। उन्होंने मोहिंद्रा के आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि मोहिन्द्रा को घोटाला रोकना था।  वे एक सरकारी कर्मचारी थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया और आरोपियों के साथ सांठगांठ कर 1.85 करोड़ रुपए लिए। इस मामले में ईडी ने डॉ. विनोद भंडारी को भी आरोपी बनाया है। हालांकि हाईकोर्ट से उनकी पहले ही जमानत हो चुकी है। 


 

दरअसल, नितिन मोहिंद्रा का नाम व्यापमं घोटाले के सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में सामने आया था। जुलाई 2013 में जब इंदौर में फर्जी परीक्षार्थियों के पकड़े जाने के बाद डॉ. जगदीश सगर की गिरफ्तारी हुई तो उसने पूछताछ में व्यापमं के चीफ सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा का नाम लिया था। पूछताछ में पता चला कि व्यापमं में फर्जीवाड़े से अभ्यर्थियों को पास कराने का सारा खेल मोहिंद्रा ही खेलता था। वह रोल नंबर इस तरह सेट करता था कि संबंधित परीक्षार्थी और स्कोरर पास में बैठ सकें। व्यापमं के एक्जाम कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट अजय सेनऔर प्रोग्रामर सीके मिश्रा  इसमें मदद करते थे। इसके एवज में एक परीक्षार्थी से 15-20 लाख रुपए लिए जाते थे। ईडी के विशेष लोक अभियोजक प्रसन्ना प्रसाद द्वारा भी जमानत खारिज करने के संबंध में कई तर्क पेश किए गए। ईडी इंदौर द्वारा पेश किए गए मनी लॉण्ड्रिंग केस में कोर्ट ने व्यापमं के पूर्व मुख्य सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिंद्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी और मोहिंद्रा  को जेल भेजने के आदेश दे दिए। 

 

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