अब छिदवाड़ा की तर्ज पर जिलों के लिए बनेगा विकास मॉडल

1/3/2019 10:52:27 AM

भोपाल: विधानसभा चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा का विकास मॉडल खासा चर्चा में रहा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ऐलान किया था कि कांग्रेस की सरकार आई तो प्रदेश के सभी जिलों का विकास छिंदवाड़ा मॉडल पर करेंगे। अब कमलनाथ के हाथों में प्रदेश की कमान आ चुकी है, ऐसे में उनके सामने सभी 52 जिलों को छिंदवाड़ा मॉडल पर विकसित करने की चुनौती रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा की तर्ज पर सभी जिलों के लिए विकास मॉडल तैयार करने जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही एक्सपर्ट की टीम मैदान में उतरेगी।
 

 

मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा सत्र के बाद प्रदेश के विकास के लिए विशेषज्ञो की बैठक लेंगे। विकास के लिए प्रदेश को क्लस्टर में बांटा जाएगा। यानी प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग-अलग क्षेत्र में विकास की अलग- अलग संभावना है। इनहीं संभावनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा। यानी ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, विंध्य, महाकौशल को अलग-अलग क्लस्टर में बांटा जाएगा। छिंदवाड़ा की तहर अन्य जिलों में भी ज्यादा से ज्यादा राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान खोलने की कोशिश की जाएगी।
 


 

यह है छिंदवाड़ा मॉडल
प्रदेश के अन्य किसी भी जिले से छिंदवाड़ा हर क्षेत्र में आगे हैं। चौड़ी सड़कों का जाल हो या फिर शहर में प्लाईओवर किसी विदेशी शहर से कम नहीं है। कमलनाथ की छवि विकासशील नेता के साथ-साथ उद्योगपति की भी है। छिंदवाड़ा में उद्योगों का जाल बिछा तो किसानों की भी तरक्की की गई। ग्रामीण क्षेत्र में संतरे की पैदावार महाराष्ट्र के नागपुर के बराबर है। कृषि आधारित लघु उद्योगों की भी स्थापना इसमें शामिल है।

शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में छिंदवाड़ा आगे है। मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा की तरक्की दिखाने के लिए पत्रकारों की टीम लेकर पहुंचे हैं। पत्रकारों के माध्यम से वे प्रदेश की जनता को यह बताना चाहते हैं कि छिंदवाड़ा मॉडल क्या है। इसी मॉडल की तर्ज पर भविष्य में अन्य जिलों का भी विकास होना है। अब अन्य जिलों को भी छिंदवाड़ा मॉडल पर विकास की उम्मीद जाग गई है।
 

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