लोकसभा चुनाव: पूर्व मंत्री ने अपनी बेटी के लिए इस सीट से मांगा टिकट, BJP में खलबली

3/1/2019 5:13:11 PM

भोपाल: जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे वैसे राजनीतिक दलों के दफ्तरों की रौनक भी बढ़ती जा रही है। वहीं चुनाव से पहले नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की दावेदारी पेश करने में लगे हुए है और बड़े नेताओं से मिल रहे है। विधानसभा चुनाव के बाद एमपी के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने अपने बेटी के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट मांगा है। बताया जा रहा है कि इसके लिए उन्होंने बीजेपी कार्यालय पहुंचकर नेताओं से भी मुलाकात की है। राघवजी की इस डिमांड के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया है।

विधानसभा के दौरान टिकट ना दिए जाने पर वे बागी हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी भर दिया था, हालांकि बाद में पार्टी नेताओं द्वारा समझाने के बाद उन्होंने नामांकन वापस ले लिया।
 

 

बेटी के लिए टिकट की मांग कर रहे राघवजी
दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा लोकसभा की तैयारियाों में जुट गई है। इन दिनों भाजपा में सीटों को लेकर मंथन चल रहा है और कई सीटों पर नए चेहरों को भी उतारने की कवायद तेज है। जल्द ही भाजपा टिकटों पर चर्चा कर लिस्ट जारी करने वाली है। इसी बीच विधानसभा में सपाक्स का दामन थामने के बाद भाजपा नेताओं के दबाव में आकर बैठ जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने एक बार फिर भाजपा पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से अपनी बेटी ज्योति शाह के लिए टिकट की मांग करने लगे हैं।
 


 

शुक्रवार को राघवजी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपनी बेटी को टिकट देने की मांग भाजपा नेताओं से की। राघव जी के फिर टिकट मांगने पर भाजपा में हड़कंप मच गया है। ऐसे में भाजपा में एक डर भी बना हुआ है कि अगर उन्हें टिकट नही दिया गया तो वे फिर निर्दलीय या किसी अन्य दल में शामिल होकर चुनाव लड़ सकते है और अगर दिया तो अन्य नेता भी अपने बेटे-बेटियों के लिए मांग करने से पीछे नही हटेंगें।

 

विधानसभा में भी बढ़ाई थी पार्टी की मुश्किलें
प्रदेश में लंबे समय तक वित्त मंत्रालय की कमान संभालने वाले पूर्व वित्त मंत्री राघवजी पांच साल बाद राजनीति में सक्रिय होते नजर आ रहे है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने विदिशा जिले की शमशाबाद विधानसभा सीट से बेटी ज्योति शाह को टिकट देने की मांग की थी। शमशाबाद विधानसभा सीट से पूर्व में राघवजी खुद विधायक रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें मना कर दिया था , जिसके बाद वे बागी हो गए थे और उन्होंने खुद ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर दिया था। इससे भाजपा में हलचल मच गई थी, लेकिन नामांकन के आखरी दिन भाजपा नेताओं के मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने नामांकन वापस लिया है। जिसके बाद लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से टिकट की मांग की है।

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