कमलाथ सरकार ने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा, इन मामलों में दिए जांच के आदेश

3/5/2019 12:16:44 PM

भोपाल: सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव अब खुद मुसीबत में घिर गए हैं। राज्य की कमलनाथ सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले भार्गव को निशाने पर ले लिया है। सरकार ने भार्गव के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामलो में जांच के आदेश दे दिए है। ये मामले पंचायत और ग्रामीण विभाग के है, जिन्हें शिवराज सरकार मे रहते हुए भार्गव देखा करते थे।

 

मामले में भार्गव ने दी सफाई
वहीं इस मामले में भार्गव का कहना है कि 'मैं बेदाग हूं चाहे तो राज्य की एजेंसी या फिर केंद्र की एजेंसी सीबीआई से जांच करा ली जाए। माना जा रहा है कि अगर जांच में भार्गव के खिलाफ कुछ पाया गया तो उनकी मुश्किलें बढ़ना तय है। फिलहाल मामलों की जांच की जा रही है।'
 


कांग्रेस के निशाने पर भार्गव
दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कमलनाथ सरकार पर किसी ना किसी मुद्दे को लेकर हमला बोले हुए है। भार्गव ने सड़क से लेकर सदन तक उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हाल ही में उन्होंने कर्जमाफी और प्रदेश में हो रहे तबादलों को लेकर सरकार का जमकर घेराव किया था।इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में चित्रकूट अपहरण हत्याकांड के बाद गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। जिसके बाद अब सरकार ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उनके विधानसभा क्षेत्र रहली के बहाने भार्गव के खिलाफ जांच खोल दी है।
 


 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उनके विधानसभा क्षेत्र रहली के बहाने भार्गव के खिलाफ जांच खोल दी है। विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने अधिकारियों को आधा दर्जन से ज्यादा बिन्दुओं पर जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


 

मंत्री ने इन बिन्दुओं दिए जांच के आदेश

  • स्कूली छात्रों की ड्रेस बनाने का काम वास्तविक स्व-सहायता समूह की जगह दूसरी संस्थाओं से कराना।
  • रहस मेले में रोजगार मेला में राशि का दुरुपयोग।
  • आजीविका मिशन रहली के सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में भ्रष्टाचार।
  • रहस मेला में रोजगार मेला व महिला सम्मेलन के नाम पर हर साल 50 लाख रुपए का दुरुपयोग।
  • आजीविका मिशन के तहत रहली में गलत तरीके से नियुक्ति करना।
  • मिड डे मील समूहों में जाति विशेष के लोगों को काम देकर भ्रष्टाचार करना।
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में अपात्रों का चयन करना।
  • समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार।

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