शेष 15 दिन और: किसका होगा मध्यप्रदेश ? पढ़िये आज की मुख्य खबरें

11/12/2018 6:35:46 PM

भोपाल: प्रदेश में 15 दिन बाद सभी पार्टियों का इम्तिहान है। जिसका परिणाम 11 दिसंबर को आ जाएगा, और यह भी तय हो जाएगा कि किस पार्टी को प्रदेश में विपक्ष में बैठना है ओर किस दल को प्रदेश का शासन संभालना है। इसीलिए कांग्रेस-बीजेपी जोर-शोर से जनता के बीच प्रचार-प्रसार में लगी हुई हैं। 

आज का राजनैतिक उतार चढ़ाव...

  • कांग्रेस अध्यक्ष 16 को प्रदेश दौरे पर होंगे... 
    पिछले 15 सालों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी इस बार पूरा जोर लगा रही है। सत्ता वापसी के लिए राहुल गांधी नवंबर में धुआंधार प्रचार करने वाले हैं। कांग्रेस ने राहुल के रोड शो और सभाओं की तैयारियां कर ली है। 16 नवंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आदिवासी अंचल की सीटों पर सभाओं को संबोधित करेंगें। राहुल बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य में चार सभाओं को संबोधित करेंगें। राहुल का फोकस बुंदेलखंड के पांच जिलों की 28 सीटों पर रहेगा।


     
  • बीजेपी अध्यक्ष भी 15 को प्रदेश दौरे पर...
    2013 के मुकाबले इस बार कमजोर दिखाई देने वाली बीजेपी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 15 नवंबर से प्रदेश के दौरे पर होंगे। वे बड़वानी, शाजापुर, वड़नगर, खजुराहो, टीकमगढ़,सिंगरौली, उमरिया, चुरहट, सागर, मैहर, सतना और दमोह में सिलसिले-वार जनता को संबोधित करेंगे।

            

  • शाह ने भरी हुंकार...
    बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, सिर्फ जीत ही लक्ष्य नहीं है। इस बार जीत इतनी प्रचंड होनी चाहिए कि विरोधियों का कलेजा कांप उठे। अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं को हर घर में झंडा लगाना है और 'मेरा घर भाजपा का घर' चुनाव अभियान चलाना है। 


     
  • बीजेपी ने पहले साला खोया और अब दामाद... 
    शिवराज के साले के बाद अब कैलाश के दामाद ने पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है। विजयवर्गीय के दामाद निर्दलीय होकर आकाश सामने आ डटे हैं। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के सबसे अच्छे मित्र और दामाद ललित पोरवाल उनके बेटे के सामने ही ताल ठोक रहे हैं। ललित, इंदौर-3 से कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश के सामने चुनाव मैदान में हैं।


     
  • EC का ऐतहासिक फैसला, AAP प्रत्याशी को दोबारा मौका...
    देश में विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने एतिहासिक फैसला लिया है। विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा होने जा रहा है, कि जब किसी प्रत्याशी को नामांकन फॉर्म भरने का एक और मौका दिया जा रहा हो। बीते दिनों कालापीपल विधानसभा से किन्ही कारणों से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा नहीं भरने दिया गया था। इस मामले में चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण व एतिहासिक फैसला सुनाते हुए आप प्रत्याशी को 12 नवंबर को पर्चा भरने का एक और मौका दिया है।

                      

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक बड़ा घोटाला-सिंधिया...
    सिंधिया ने सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के बलवाड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर बहुत बड़ा घोटाला किया गया। जिसके तहत किसानों की अनुमति के बगैर उनके खाते से राशि काटकर तीन हजार करोड़ एकत्रित किए गए।


     
  • पहले बागियों से परेशान और अब पांच किन्नर भी मैदान में...
    प्रदेश की दो बड़ी पार्टियां पहले अपने बागियों से परेशान थीं। लेकिन अब 5 किन्नरों का विधानसभ चुनाव में खड़ा होना इनके लिए मुसीबत बन गया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पांच किन्नर चुनौती दे रहे हैं। इंदौर-2 से बाला वेश्वर, दमोह से रेहाना, होशंगाबाद से पांची देशमुख, कटनी की बड़वारा विधानसभा सीट से दुर्गा मौसी और अंबाह विधानसभा से नेहा चुनाव मैदान में हैं।
     
  • कभी नहीं कहा कि,शाखा पर प्रतिबंध लगाएंगे...
    कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने सभी बातों को विराम देते हुए कहा है कि, हमने कभी नहीं कहा कि आरएसएस को बैन करेंगे। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि, शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखा लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे।


     
  • चुनाव आयोग ने लगाई एग्जिट पोल पर रोक...
    चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि, 'लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126-क के अनुसार, इस अवधि के दौरान कोई एग्जिट पोल आयोजित करना और उसका परिणाम प्रकाशित करना एवं प्रचारित करना, आयोग द्वारा अधिसूचित निर्धारित समय तक प्रतिबंधित है'।

         

  • खाली कुर्सियां बता रही जनता का शिवराज से हो रहा मोहभंग...
    मध्यप्रदेश विधानसभ चुनावों के लिए सभी राजनैतिक दलों की जोर आजमाइश जोरों पर है। लेकिन कई जिलों से एसी तस्वीरें आ रही हैं जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं बीजेपी की चमक फीकी पड़ती जा रही है। यह तस्वीर भोपाल की है, जहां खाली कुर्सियां शिवराज के प्रति जनता के मोहभंग को दर्शा रही हैं।

प्रदेश में चुनाव होने में जितने दिन कम होते जा रहे हैं, बयानबाजी का स्तर उतना ही बढ़ता जा रहा है। जहां बीजेपी लगातार चौथी बार प्रदेश में शासन करना चाहती है। वहीं कांग्रेस अपना वनवास खत्म करना चाहती है। 2013 के मुकाबले कहीं न कहीं बीजेपी को इस बार सत्ता खोने का डर सता रहा है, शिवराज के रैलियों में खाली कुर्सियां इसका गवाह हैं। वहीं कांग्रेस को इस बार 2013 के मुकाबले जनता का समर्थन कहीं ज्यादा मिल रहा है। जिसका फायदा कांग्रेस किसी भी कीमत पर उठाना चाहेगी।

Vikas kumar

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