ऑपरेशन लोटस: राज्य की सत्ता से ज्यादा राज्यसभा चुनाव पर गदर

3/4/2020 2:50:31 PM

भोपाल: गुरुग्राम के मानेसर स्थित आईटीसी होटल में कांग्रेस सरकार के 10-11 विधायकों का भाजपा द्वारा बंधक बनाने की खबर ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की नींद उड़ा दी है। ऑपरेशन लोटस के जरिए बीजेपी की नजर मध्य प्रदेश की सत्ता से ज्यादा राज्यसभा चुनाव पर है, जिसके लिए कांग्रेस ने भी बिसात बिछा दी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी की कोशिशों के बाद अभी भी कुछ विधायक मानेसर स्थित होटल आईटीसी मौर्य में बीजेपी के पास हैं।



मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं। राज्यसभा की इन तीन सीटों के लिए कांग्रेस और बीजेपी को एक एक सीट मिलना लगभग तय है। लेकिन तीसरी सीट को लेकर पार्टियों में क्रॉस वोटिंग की खतरा बना हुआ है। इस सबके बीच तीसरी सीट को लेकर कांग्रेस पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि राज्य सभा चुनाव से ध्यान भंग करने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा जाल बुना जा रहा है। इसके चलते कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान छिड़ा हुआ है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कोटे से खाली हो रही तीन राज्यसभा सीटों में से दो बीजेपी की और एक कांग्रेस की है। अप्रैल में बीजेपी के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया तो कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लेकर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए कांग्रेस-बीजेपी के बीच जंग छिड़ गई है।

आंकड़ो के हिसाब से मध्य प्रदेश में राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 58 वोट चाहिए। मौजूदा आंकड़ों के लिहाज से एक सीट के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट रह जाएंगे, एक निर्दलीय विधायक सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं और उसे सिर्फ एक विधायक की जरूरत होगी। वहीं, बीजेपी अपने विधायकों के संख्या के आधार पर प्रथम वरीयता के आधार पर एक सीट तय है और उसे दूसरी सीट के लिए 49 वोट बचेंगे, जिसके लिए उसकी नजर कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों पर है।

 

 

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