तहसीलदार को भू माफियाओं पर कार्रवाई करना पड़ सकता है महंगा, ट्रांसफर रोकने के लिए कर्मचारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।

4/15/2022 11:29:23 AM

दमोह(इम्तियाज चिश्ती): अभी हाल ही में प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दमोह आगमन पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए अधिकारी  की पीठ थपथपाई थी और कर्मचारियों को यशस्वी पत्र के साथ सम्मान निधि से नवाज़ा था ताकि समस्त अधिकारी कर्मचारी लगनशीलता और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें। वहीं जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश और उनकी मंशा अनुसार कार्य करने ज़मीन पर उतरते है तो सफेदपोश के रसूख के आगे अधिकारियों को निष्पक्षता से कार्य नहीं करने दिया जाता। जी हां फ़िलहाल दमोह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तो ऐसा ही होता नजर आ रहा है।



ताजा मामला दमोह तहसीलदार से जुड़ा हुआ है जो बीते दो दिनों से प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया। जहां की तहसीलदार बबीता राठौर जो अपने कार्य के प्रति तेजतर्रार रवैया, निष्पक्षता, ईमानदारी और अपने फ़र्ज़ के आगे किसी के दबाव में ना रहकर अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करने में भरोसा रखती हैं। यही बात जिले भर में अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले और सफेदपोश से नाता रखने वालों को पसंद नहीं आई। इसी के चलते अब भू माफियों की नज़र में आंख में कंकड़ की तरह चुभने वाली लेडी तहसीलदार का दमोह से ट्रांसफर कराने मुहिम तेज हो गई लेकिन अच्छी बात ये सामने आई कि अब जिले के शासकीय अधिकारी कर्मचारियों ने भी अब मोर्चा खोल दिया अपने अधिकारी के पक्ष में और सभी एक राय होकर पहुंच गये और डी एम कार्यालय कहा कि उनका ट्रांसफर नहीं होने देगें, ऐसा पहली बार हुआ हैं जब किसी अधिकारी की ईमानदारी,निष्पक्षता और निडरतापूर्वक कार्य करने वाले प्रशासनिक अधिकारी के पक्ष में उनके ही विभाग के अधिकारी कर्मचारी एक साथ अपना काम काज छोड़ खुद जमीन पर उतर आए और अपने  अधिकारी के पक्ष में। अक्सर देखा गया है  अधिकारी कर्मचारी अपने ही डिपार्टमेंट के मुखिया से नाराज़ भी रहते है लेकिन  दमोह में ऐसा कम देखने  मिलता है जब कर्मचारियों के संगठन ने  किसी अधिकारी के पक्ष में दमोह कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मांग कर दी है कि उनका ट्रांसफर भू माफिया के द्वारा कराया जा रहा है ऐसा करना ठीक नहीं।  



ज्ञापन देने पहुंचे पटवारी तखत सिंह और सहायक ग्रेड 3 कानूनगो राजाराम गोस्वामी, पटवारी दीपक श्रीवास्तव सहित सभी स्टाफ का कहना था कि हम सब दमोह जिले की तहसील दमोह दमयंती नगर में पदस्थ कर्मचारी है जो विगत 3 वर्षो से तहसीलदार डॉ . बबीता राठौर के निर्देशन में कार्यरत है। डॉ.बबीता राठौर की कार्यशैली और अनुशासनप्रियता विगत वर्षों से हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रही है। उनके पारदर्शी निर्णयों और सत्यनिष्ठ व्यक्तित्व के प्रभाव के कारण हम सभी को कार्यालय और फील्ड पर कार्य करने में भी सुविधा होती है, लेकिन हाल के दिनों में जिस प्रकार की खबरों के कारण तहसीलदार महोदय के स्थानांतरण की जानकारी मिल रही है, वह हम सभी का मनोबल गिराने वाली है और निश्चित ही इससे नियमप्रिय और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की छवि को ठेस पहुंचेगी। इसलिए सभी शासकीय कर्मचारियों की मांग है कि डॉ.बबीता राठौर की पद स्थापना यथावत रखें अन्यथा हम लोग भी अपना कार्य अच्छे से निष्पक्षता से नहीं कर पायेगें।



वहीं अगर दमोह तहसीलदार बबीता राठौर की बात की जाए तो अतिक्रमण मुहिम में जिस तरह से वे कार्य करती हैं इसमें उनका कोई सानी नहीं क्योंकि जब उन्हें जिले के मुखिया दमोह कलेक्टर का आदेश मिलता है तो वे बेहिचक अतिक्रमणकारियों, भू माफियाओं के बीच कार्यवाही करतीं हैं तो भू माफियाओं के भी होश पाख्ता हो जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बड़े से बड़े अतिक्रमण करने वाले और भू माफियाओं की रात की  नींद और दिन का चैन हराम हो जाता है। अब सवाल उठता है की जब खुद मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार जिले की जिम्मेदारी निभाई जा रही हो तो ऐसे में दमोह तहसीलदार का ट्रांसफर करना क्या जिले और जिले वासियों के हक़ में होगा। अब जनप्रतिनिधियों को ये भी समझना होगा की कहीं ऐसा ना हो छुट भैया नेता नुमा भू माफियाओं की बातों में आकर इस मुहिम पर अगर अमल होता है तो अपने ही क्षेत्र के विकास में रुकावट डालने जैसा होगा।

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This news is Content Writer meena