अस्पताल के बाहर डिलिवरी मामला: CMHO ने 2 डाॅक्टरों सहित कंपाउंडर व ANM को जारी किया कारण बताओ नोटिस

12/20/2019 3:22:11 PM

छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामटौरिया में अस्पताल बंद होने के कारण ग्राउंड में हुई डिलीवरी के मामले में सीएमएचओ ने दो डॉक्टरों सहित कंपाउंडर और एएनएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं प्रसव के लिए अधिकृत स्टाफ नर्स प्रीतु दुबे को पीएचसी रामटौरिया से हटाकर पीएचसी गुलगंज स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए है।

वहीं पूरे मामले की जांच करते हुए सरपंच सहित अन्य गांववालों के बयान दर्ज कर लिए गए है। वहीं नोटिस मिलने के बाद स्टाफ नर्स प्रीतु दुबे मेडीकल लीव लेकर गायब हो गई है। 9 दिसम्बर को कविता पति बृजलाल अहिरवार उम्र 25 वर्ष निवासी हैदराबाद बम्होरी खुर्द पीएचसी रामटौरिया में प्रसव हेतु आई थी। मगर अस्पताल में शाम 6 बजे ताला लटका होने के कारण प्रसूता ने बीएमओ के सामने ग्राउंड में ही प्रसव कर दिया था। इसके बाद तुरंत अस्पताल का ताला खुलवा कर जच्चा-बच्चा को इलाज दिया गया था।

निरीक्षण के दौरान अस्पताल के ड्यूटी रजिस्टर में डॉ. आरपी यादव के 10 दिनों से हस्ताक्षर नहीं थे। वहीं स्टाॅफ नर्स प्रीतु दुबे भी बिना एप्लीकेशन के अस्पताल से गायब थी, जबकि मैटरनिटी इंचार्ज स्वयं स्टाफ नर्स थी। घटना के दो दिन बाद सीएमएचओ ने स्वयं पीएचसी रामटौरिया का स्थल निरीक्षण किया और लौटकर स्टाफ नर्स को हटाकर डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

मैटरनिटी इंचार्ज स्टाफ नर्स प्रीतु दुबे को तत्काल पीएचसी से हटाकर पीएचसी गुलगंज में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया। डा. आरपी यादव को 10 दिनों से बिना बताए गायब रहने के लिए वेतन काटने, डॉ.तौसीफ खान, कंपाउंडर जी.पी सिंह, नर्स गिरजेश बुंदेला को भी कारण बताओ नाटिस जारी किया गया। इसमें संतुष्ट कारण न मिलने पर एक वेतनवृद्धि रोकने की बात कही गई है। वहीं घटना के बाद से रामटौरिया गांव के ग्रामीणों ने भी तहसीलदार को बिगड़ रही स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में ज्ञापन दिया है। आगामी दिनों में स्वास्थ्य सेवा न सुधरने पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।

सीएमएचओ कार्यालय से 12 दिसंबर को जारी आदेश क्रमांक 14611 के अनुसार स्टाफ नर्स प्रीतु दुबे को अगस्त महीने में मिशन अस्पताल की डिलीवरी को पीएचसी में दर्ज करने वाले प्रकरण में दोषी मानते हुए पीएचसी गुलगंज स्थानांतरित किया है, जबकि शासन द्वारा स्प्ष्ट आदेश है कि किसी भी संविदा कर्मचारी जो प्रकरण में दोषी हो या प्रतीत हो रहा हो। उसे स्थानानांतरित न करके जिला मुख्यालय अटैच किया जाना चाहिए। मगर सीएचएचओ ने तीन महीने से लंबित जांच के बावजूद स्टाफ नर्स को बचाते हुए गुलगंज स्थानांतरित किया गया है।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh