पन्ना में बेबस मां ने दिव्यांग बेटे को कंधे पर लादकर किया 1000 किलोमीटर का सफर

5/14/2020 2:38:05 PM

पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से एक मजबूर मां की ऐसी कहानी सामने आई है जिसे सुनकर आपका भी दिल पसीज जाएगा। ये कहानी आपको झकझोर कर रख देगी। ये कहानी और बेबस मां की तस्वीर सरकार के लिए भी शर्मनाक है। यह कहानी पन्ना जिले की है। जहां एक मां सूरत से अपने दिव्यांग बच्चे को कंधे पर लादकर जैसे-तैसे पन्ना तक पहुंची। अभी उसे सतना पहुंचना है। ये सफर 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा का है।

राजकुमारी नाम की यह बेबस मां सूरत में मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पाल रही थी, लेकिन कोरोना काल में सूरत के भीतर रोजगार छिन गया। खाने के लाले पड़ गए। राजकुमारी के तीन बेटे हैं। जिसमें एक बेटा दिव्यांग है। राजकुमारी सतना जिले के चित्रकूट के पास मझगवां गांव की रहने वाली है। सूरत से वो अपने बच्चों से साथ सतना के लिए निकल पड़ी। जैसे-तैसे करके वो पन्ना तक पहुंची। इस दौरान राजकुमारी अपने दिव्यांग बेटे को लाठी में कपड़ा फंसाकर उसे झूलाकर बनाकर अपने कंधे पर लादे रही। लाठी का एक सिरा मां के कंधे पर रहता था तो दूसरा भाई के कंधे पर।

वहीं राजकुमारी ने बताया कि सूरत से कुछ दूर पैदल चलने के बाद उन्हें एक बस मिल गई। बस वाले ने 200 रूपये किराया लिया और पन्ना नेशनल हाईवे पर ही उतार दिया। पन्ना से सतना की दूरी करीब 100 किलोमीटर की है। यहां से राजकुमारी अपने बच्चों के साथ पैदल ही, दिव्यांग बच्चे को कंधे पर लादकर गांव की ओर रवाना हो गई। स्थानीय लोगों ने जब ये सब देखा तो उन्होंने महिला से बात करने की कोशिश की और उसकी मजबूरी जानी। लोगों का कहना है कि इस महिला को बच्चे को इस तरह टांगा देख हमें बहुत ही हैरानी हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी।

सूचना मिलने पर पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने एंबुलेंस भेजी और मां- बच्चों को पन्ना बाईपास स्थित मॉडल पब्लिक स्कूल में बने क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया। इसके बाद तहसीलदार और टीआई हरि सिंह ठाकुर ने इनके लिए बस की व्यवस्था कर इन्हें सतना के लिए रवाना कर दिया।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh