Ghost Fair: 400 सालों से जारी है बैतूल के इस गांव में भूत मेला, यहां पहुंचते ही दूर हो जाती है 'प्रेत बाधा'

1/8/2023 12:58:38 PM

बैतूल (विनोद पातरिया): बैतूल जिले के मलाजपुर गांव में एक अनोखे मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में इंसानों के भूत भी आते हैं। इसलिए इस मेले को भूतों का मेला (ghost fair betul) भी कहा जाता है। बैतूल जिले के मलाजपुर में प्रसिद्ध दरबार गुरु साहब बाबा संत देव की समाधि स्थल पर पौष पूर्णिमा पर निशान चढ़ाकर विधिवत पूजन अर्चन कर मेले शुभारंभ किया जाता है। इस साल आयोजित हुए मेले के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहूंचे। जिसमें मध्यप्रदेश के कई जिलों के साथ साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

'भूत-प्रेत बाधाओं से मिलती है मुक्ति'

पिछले 400 वर्षों से चिचोली से 7 किलोमीटर दूर ग्राम मलाजपुर गांव में हर साल पूरी श्रद्धा, धार्मिक  परंपरा और आध्यात्मिक भाव के चलते पौष पूर्णिमा पर गुरु साहब बाबा के समाधि स्थल पर श्रद्धालु माथा टेक कर अपनी मन्नत मांगते हैं मान्यता है कि गुरु साहब समाधि स्थल पर प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति को ले जाकर समाधि स्थल की परिक्रमा कराने पर वह प्रेत बाधा से मुक्त हो जाता है। सदियों से यह चमत्कार लोग अपने सामने देखते आ रहे हैं। गुरु साहब बाबा का दरबार पवित्र धार्मिक स्थल है जो कि मलाजपुर गांव में स्थित है, जहां 400 वर्षो से पौष पूर्णिमा पर यह मेला लगता है। मेले में देशभर से लोग अपनी परेशानी लेकर पहुंचते हैं।गुरू साहब दरबार में भूतों का मेला लगता है, जोकि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां लोग झाड़ू से मार मारकर परेशान शख्स को प्रेत बाधा से मुक्त कराते हैं। 

परेशानी दूर होने पर लोग चढ़ाते हैं तुला दान 

मान्यता यह भी है कि बाबा की समाधि पर आते ही प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए यहां भारत के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचते है और अपनी मन्नत पूरी होने पर तुला दान चढ़ाते हैं। यह मेला लगभग एक महीने तक चलता है और बसंत पंचमी पर इसका खत्म होता है।

 

NOTE: पंजाब केसरी किसी भी प्रकार के अंधविश्वासों को बढ़ावा नहीं देता है। यह खबर स्थानीय लोगों की बाइट के आधार पर तैयार की गई है। इसका उद्देश्य किसी भी भ्रम और अंधविश्वास को पैदा नहीं करना है।  

 

Devendra Singh

This news is News Editor Devendra Singh