असम के कोरोना पॉजिटिव युवक का पुलिस ने इंदौर में किया संस्कार, परिजनों ने लाइव देखी अंत्येष्टि

4/27/2021 6:34:08 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना संकट के दौर में खाकी के अलग अलग रूप देखने को मिल रहे हैं। कभी यहां वर्दीधारी पुलिस जवान पलायन करने वाले मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान करता नजर आ रहा है तो कहीं जान गवानें वालों का अंतिम संस्कार। इसी कड़ी में इंदौर पुलिस की दरियादिली का एक और उदाहरण देखने को मिला जहां असम के युवक का न केवल अंतिम संस्कार किया बल्कि उसके परिजनों को वीडियो काल के जरिए अंतिम दर्शन भी कराए।



दरअसल, इंदौर के खजराना थाना क्षेत्र में स्थित स्कीम नंबर 134 में रहने वाले निजी कंपनी के इंजीनियर की मौत कोरोना के कारण हो गई। इंजीनियर का नाम प्रांजू मोहन सामने आया है जो मूल रूप से असम के देकगांव जोरहट का रहने वाला था। हुआ यूं कि इंदौर में अकेले रहने वाले प्रांजू को हाल ही में कोरोना महामारी ने चपेट में ले लिया था। जिसके बाद कंपनी के कर्मचारी उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश करते रहे लेकिन बेड नहीं मिला और रविवार को प्रांजू ने इंदौर में अपने घर पर दम तोड़ दिया। 



प्रांजू के फेफड़ों में 75 प्रतिशत तक संक्रमण फैल चुका था और तमाम प्रयासों के बावजूद आखिरकार प्रांजू मोहन को नहीं बचाया जा सका। जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार का सवाल उठा तो लेकिन प्रांजू की पत्नी समेत पूरा परिवार असम में है ऐसे में सवाल उठा कि अंतिम संस्कार कौन करेगा। लिहाजा, इस मामले की जानकारी खजराना थाना प्रभारी दिनेश वर्मा को लगी तो उन्होंने निगम की टीम के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी करवाई।



इतना ही नहीं उन्होने असम में रहने वाली प्रांजू की पत्नी को वीडियो कॉल कर शव दिखाया और वीडियो कॉल के ही जरिये पूरी अंत्योष्टि को भी दिखाया। इस दौरान कंपनी के कुछ कर्मचारी मौजूद थे जो ये बता रहे थे कि जो हुआ बहुत दुःखद है लेकिन अंतिम समय में लाइव तस्वीरों के जरिये पुलिस ने जो कार्य किया वो सराहनीय है। बता दे कि प्रांजू जब इंदौर आये थे तब किसी ने सोचा भी नही होगा कि वो दोबारा असम जा पाएंगे ।



पुलिस की टीम और नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों ने एक साथ मिलकर अंतिम संस्कार में टीआई दिनेश वर्मा ने मुख्य भूमिका अदा की। हालांकि मुक्तिधाम से लाइव अंत्योष्टि दिखाने वाली पुलिस भी उस क्षण के दौरान गमगीन हो चली थी। वास्तव में ये कोरोना के वो अलग अलग रंग है जो इंसान और इंसानियत के नातो को करीब तो ला रहे है लेकिन बड़ा दर्द देकर।

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This news is Content Writer meena