भ्रष्टाचार की इंतहा! आरोपी को बचाने के लिए पुलिसवाले ने की 25 लाख की डील! रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया लाइन अटैच ASI

Thursday, Mar 06, 2025-12:07 PM (IST)

भोपाल (इज़हार खान) : राजधानी के ऐशबाग थाना इलाके में फर्जी काल सेंटर चलाकर ठगी करने वालों के पकड़ाने मामले में नया अपडेट सामने आया है। इस मामले में लापरवाही बरतने में जिस एएसआई को लाइन अटैच कर दिया गया था। वही एएसआई एक आरोपी को बचाने के नाम पर पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़ाया है। एएसआई को संरक्षण देने के चलते ऐशबाग थाना प्रभारी पर भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूरी डील 25 लाख रुपये में हुई थी। जिसकी पहली किस्त के रूप में 15 लाख रुपये आए थे। हालांकि पुलिस को रेड में लाइन अटैच एएसआई के घर से महज़ पांच लाख मिले बाकी दस लाख कहां गए इसकी जांच की जा रही है।

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क्या था मामला

दरअसल 26 फरवरी को ऐशबाग थाना इलाके में साइबर ठगी करने वाला एक फर्जी कॉल सेंटर पकड़ाया था। कॉल सेंटर पर दबिश के दौरान एक आरोपी पकड़ाया था। जिसे 151 के तहत मामूली कार्रवाई कर छोड़ दिया था। मामले में लापरवाही पर एएसआई पवन रघुवंशी को लाइन अटैच कर दिया गया गया। फर्जी काल सेंटर से 80 कम्प्यूटर और 29 मोबाइल सिम कार्ड बरामद हुए थे। इसके बावजूद भी भी मामले की गंभीरता को ना समझते हुए एफआईआर करने में तीन दिन लगा दिए गए और सिर्फ दो नाम लिखे गए जबकि मामले में चार नाम सामने आए थे। मामले का मास्टरमाइंड अफजल खान गिरफ्तार हो चुका है। वहीं इस फर्जीवाड़े में मुख्य आरोपी अफजल के साले मुईन का नाम भी सामने आया था। मुईन को आरोपी न बनाने के लिए लाइन अटैच एएसआई पवन से डील हुई थी। हालांकि इसकी भनक वरिष्ठ अधिकारियों को लग गई थी जैसे ही सुबह 11 बजे मुईन का करीबी अंशुल जैन लाइन अटैच हुए एएसआई पवन के पास 5 लाख रुपए लेकर पहुंचा वैसे ही एडिशनल डीसीपी रश्मि दुबे अग्रवाल ने टीम के साथ दबिश दी और पवन को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत मामले में लाइन अटैच एएसआई पवन रघुवंशी और ऐशबाग टीआई जितेंद्र गढ़वाल सहित रिश्वत लाने वाले अंशुल जैन को भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है।


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meena

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