इंदौर के आंखफोड़ कांड पर राजनीति गरमाई, बीजेपी और कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप शुरु

8/22/2019 3:02:16 PM

इंदौर: इंदौर के आई हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही के कारण 15 मरीज अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुकें हैं। वहीं इंदौर के चौइथराम अस्पताल और चेन्नई के शंकर नेत्रालय में मरीजों को निशुलक इलाज देने की घोषणा की है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इस पूरे मामले पर कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन अब आंखफोड़ कांड पर राजनीति भी शुरु हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने शुरु कर दिए हैं।


दिन व दिन बढ़ रही है मरीजों की संख्या
इंदौर आई हॉस्पिटल में आंखों की रोशनी गंवाने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दो और नए मरीजों के सामने आने के बाद ये संख्या 15 हो गई है। अस्पताल की लापरवाही से बिगड़े मोतियाबिंद ऑपरेशनों के 5 मरीजों को चेन्नई भेजा जा चुका है। जिला अंधत्व निवारण अधिकारी टीएस होरा को अनिवार्य सेवानिवृति देने की अनुशंसा की गई है क्योंकि 2011 में ये ही प्रभारी थे।वहीं, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि जब तक मरीज ठीक नहीं हो जाते तब तक चेन्नई के आई स्पेशलिस्ट राजीव रमण इंदौर में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले को सीएम कमलनाथ गंभीरता से ले रहे हैं। दोषियों को बख्शा नही जाएगा।



आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू
आंखफोड़वा कांड पर अब राजनीति भी शुरु हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इंदौर में बीजेपी के सांसद समेत 5 विधायक हैं लेकिन पार्टी की ओर से कोई भी नुमाइंदा मरीजों की सुध लेने नहीं पहुंचा। जबकि स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट पूरे समय मरीजों के साथ रहे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला का कहना है कि शहर में बीजेपी सांसद शंकर लालवानी और 5 विधायक मौजूद रहे, लेकिन वो न मरीजों को देखने पहुंचे और न उनकी सहायता के लिए आगे आए। बीजेपी सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि वे पहले दिन से ही जिला प्रशासन और डॉक्टरों के संपर्क में थे। उन्होंने शंकर नेत्रालय के डॉक्टरों से भी बात की थी। इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर काम होना चाहिए।

 

Vikas kumar

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