SC-ST वर्ग से नरम रवैये की DGP एडवाइजरी पर सियासत शुरु, BJP कांग्रेस आमने-सामने

11/6/2019 5:45:15 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): एमपी पुलिस को एससी-एसटी वर्ग से नरम रवैया अपनाने की डीजीपी एडवाइजरी के बाद पूरे प्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। जहां एक ओर कांग्रेस में ही अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है, वहीं करनी सेना ने तो आदेश वापस ना लेने पर आंदोलन तक की चेतावनी दे दी है। विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। इस बीच कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने डीजीपी की एडवाइजरी का समर्थन किया है वहीं गृहमंत्री बालाबच्चन ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है।



गृहमंत्री बालाबच्चन ने जताई नाराजगी
वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन का कहना है कि जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस संबंध में आज डीजीपी के साथ मीटिंग करूंगा। हालांकि हर जगह से इस तरह की बात सामने आई है। एससी/एसटी वर्ग के साथ इस तरह के मामले आए हैं। उसको लेकर कहा गया होगा। अगर ऐसा ऑर्डर है तो देखता हूं। 



भाजपा के पूर्व मंत्री का बयान
भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक विश्वास सारंग ने डीजीपी की एडवाइज़री पर कहा कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। थानों के हालात बेहद खराब है। इसका सीधा कारण पुलिस प्रशासन में हो रहा भ्रष्टाचार है। डीजीपी के इस आदेश का मतलब है कि वे इस बात को स्वीकार करते हैं थानों में अन्याय हो रहा होगा। उन्होंने आगे कहा कि थानों में अनुसूचित जाति-जनजाति कि लोगों के साथ दुर्व्यवहार होता है। शायद ऐसी स्थिति में ही डीजीपी को यह निर्दश देने पड़े। ये बड़ा शर्मनाक है कि इसको लेकर डीजीपी को पत्र लिखना पड़ा। 



DGP से सहमत है अदिमकल्याण मंत्री ओमकार सिंह
अदिमकल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के अनुसार, आरक्षण की मांग को लागू रखने की मांग रखना क्या हमारा अधिकार नहीं है। मैं डीजीपी के फैसले से सहमत हूं। उन्होंने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकार में आदिवासियों की बात की सुनवाई नहीं होती थी। शिवराज में इन जनजातियों के गरीबों पर ऐसे प्रकरण दर्ज हुए है उसको दृष्टिगत करते हुए डीजीपी ने निर्णय लिया है। वही उन्होंने कहा कि मजदूरी के लिए क्या एक ही जाति के लोग बने है ।गटर की सफाई एक ही जाति के लोग क्यों करे।



गौरतलब, डीजीपी ने प्रदेश भर के थानों में एमपी पुलिस को एससी-एसटी वर्ग की गिरफ्तारी पर नरम रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं। थानों में एससी-एसटी वर्ग के साथ कोई दुर्व्यवहार या मारपीट नहीं की जाएगी। 

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