सिंधिया, उनके परिजन के खिलाफ फिर से खोला गया मामला ईओडब्ल्यू ने बंद किया
3/24/20 6:25:38 PM
भोपाल, 24 मार्च :भाषा: मध्यप्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा :ईओडब्ल्यू: ने भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजन के खिलाफ हाल ही में फिर से खोले गये कथित संपत्ति के दस्तावेजों में हेरफेर के मामले को बंद कर दिया है।
सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने के बाद तत्कालीन कमलनाथ की सरकार के दौरान ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर में शिकायतकर्ता सुरेन्द्र श्रीवास्तव की शिकायत पर 12 मार्च को यह मामला फिर से खोला था।
ईओडब्ल्यू के एक आला अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ''''सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने 12 मार्च को सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ फिर से शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने एक रजिस्ट्री दस्तावेज में हेरफेर कर वर्ष 2009 में ग्वालियर के महलगांव में 6000 वर्ग फुट जमीन उन्हें बेची। उनकी शिकायत के बाद हमने तथ्यों को फिर से सत्यापित करने के लिए अपने ग्वालियर कार्यालय को आदेश दिए।'''' उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजन के खिलाफ इस मामले को फिर से बंद कर दिया है।
उन्होंने बताया कि पहली दफा यह शिकायत 26 मार्च 2014 में की गई थी। जिसकी जांच के बाद हमने इसे मई 2018 :तत्कालीन भाजपा शासन के दौरान: में बंद कर दिया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने के बाद तत्कालीन कमलनाथ की सरकार के दौरान ईओडब्ल्यू ने ग्वालियर में शिकायतकर्ता सुरेन्द्र श्रीवास्तव की शिकायत पर 12 मार्च को यह मामला फिर से खोला था।
ईओडब्ल्यू के एक आला अधिकारी ने मंगलवार को बताया, ''''सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने 12 मार्च को सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ फिर से शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने एक रजिस्ट्री दस्तावेज में हेरफेर कर वर्ष 2009 में ग्वालियर के महलगांव में 6000 वर्ग फुट जमीन उन्हें बेची। उनकी शिकायत के बाद हमने तथ्यों को फिर से सत्यापित करने के लिए अपने ग्वालियर कार्यालय को आदेश दिए।'''' उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजन के खिलाफ इस मामले को फिर से बंद कर दिया है।
उन्होंने बताया कि पहली दफा यह शिकायत 26 मार्च 2014 में की गई थी। जिसकी जांच के बाद हमने इसे मई 2018 :तत्कालीन भाजपा शासन के दौरान: में बंद कर दिया था।
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