शिक्षा और सामाजिक समरसता के लिए विशेष प्रयास करें स्वयंसेवक: भागवत

8/9/2020 10:04:35 PM

भोपाल, नौ अगस्त (भाषा) कोरोना वायरस की महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को स्वयंसेवकों से मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है, ताकि विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए।

इसके अलावा, उन्होंने स्वयंसेवकों को पर्यावरण संरक्षण और कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर भी कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया और उनसे कहा कि सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास करें।

वह यहां ठेंगड़ी भवन में आरएसएस के मध्य भारत और मालवा प्रांतों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद कर रहे थे।

बैठक के बाद मध्य भारत प्रान्त के संघचालक सतीश पिंपलीकर ने बताया कि भागवत ने वर्तमान चुनौतियों एवं आने वाले समय को ध्यान में रखकर कार्य करने के लिए मध्यभारत एवं मालवा प्रान्तों के चयनित स्वयंसेवकों के साथ संवाद किया।

उन्होंने कहा कि इस दौरान आरएसएस सरसंघचालक ने कोरोना वायरस संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा समाज एवं अन्य संस्थाओं को साथ लेकर चलाए गए सेवा कार्यों और संघ की अन्य गतिविधियों की जानकारी ली।

पिंपलीकर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला एवं ग्राम शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है। इस कार्य में समूचे समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरसंघचालकजी ने मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान स्वयंसेवकों से किया है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है, उस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए, इसलिए नगरों में मोहल्ला स्तर एवं प्रत्येक गांव में शिक्षा केंद्र संचालित किये जाने चाहिए।’’
पिंपलीकर ने बताया, ‘‘इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण और कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर भी कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया। सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को बताया कि समरसता को लेकर समाज में अनुकूलता बनी है। यह समाज का स्थायी भाव बने, इसके लिए स्वयंसेवकों को प्रयास करना चाहिए।’’
उन्होंने बताया कि ठेंगडी भवन में आयोजित संघ की इस बैठक में शारीरिक दूरी एवं कोराना से संबंधित अन्य दिशा-निर्देशों को पूरी तरह पालन किया गया।

पिंपलीकर ने बताया कि इस अवसर पर सरसंघचालक भागवत ने मध्यभारत एवं मालवा के प्रमुख स्वयंसेवकों से सेवाकार्यों के अनुभव सुने। जिसमें यह बात सामने आई कि स्वंयसेवकों द्वारा चलाए गए सेवाकार्यों से समाज के बड़े वर्ग को सहायता मिली।

उन्होंने कहा कि इस बीच यह भी ध्यान आया कि बड़ी संख्या में लोग संघ के साथ जुडऩा चाहते हैं, जिनमें युवाओं की संख्या भी अधिक है। समाज के लोगों ने इस बीच स्वयंसेवकों के साथ सेवाकार्यों में सहयोग भी किया। सरसंघचालकजी ने समाज को साथ लेकर सेवाकार्यों को स्थायी रूप देने के लिए स्वयंसेवकों को कहा है।

पिंपलीकर ने बताया कि बैठक में जानकारी दी गई कि कोरोना वायरस संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान घुमंतू जाति (ईरानी, सपेरा, कंजर, पारदी, लोचपीटा, बेड़िया,मोंगिया, लुहार, बंजारा, नट, अगरिया, सिखसिकलिकर) के बंधुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। घुमंतु जाति के बंधु परिवार के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक रोजगार एवं अन्य कारणों से यात्रा करते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी अनुभव सुनाया गया कि जब लॉकडाउन लगा तो कई परिवार मध्य प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में भी फंस गए थे। स्वयंसेवकों ने इन परिवारों की चिंता की और उन तक सहायता पहुंचाई। स्वयंसेवकों द्वारा 2,628 परिवारों तक भोजन एवं चिकित्सा समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई गईं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों एवं युवाओं के लिए संघ ने विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाये हैं, जिनके माध्यम से स्वरोजगार एवं स्वावलंबन हेतु उन्हें आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जा रहीं है, जिसका समाज से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण एक जगह इकट्ठा नहीं होने के चलते संघ आजकल शाखा नहीं लगा रहा है।

उन्होंने कहा कि भागवत शनिवार देर रात को भोपाल पहुंचे थे और सोमवार को वह यहां से रवाना हो जाएंगे।

संघ के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस सरसंघचालक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण कुछ समय के लिए विराम करने के बाद अपना दौरा फिर से शुरू कर दिया है और इस दौरान वह कोविड-19 के लिए बनाये गये प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटी-छोटी बैठकें करेंगे।

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भागवत जल्द ही संघ के मध्य क्षेत्र के दो अन्य प्रांतों महाकौशल (मध्य प्रदेश में) और छत्तीसगढ प्रांत की रायपुर में संघ के वहां के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद करेंगे।

आरएसएस पदाधिकारी ने बताया कि समूचे देश में संघ के 11 क्षेत्र हैं।

पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने से कुछ दिन पहले भागवत ने भोपाल में संघ के बड़े पदाधिकारियों के साथ चार दिवसीय अनौपचारिक बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों एवं चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर चर्चा हुई थी। इसके अलावा, इस बैठक में चीन के विस्तारवाद का मुकाबला करने के लिए स्वदेशी आंदोलन को मजबूत करने पर भी विचार किया गया था।


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PTI News Agency

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