मप्र उपचुनाव: 28 विधानसभा सीटों पर 69.93 प्रतिशत मतदान हुआ
11/5/2020 9:19:37 AM
भोपाल, तीन नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत मंगलवार को शाम छह बजे तक कुल 69.93 प्रतिशत मतदान हुआ। यह 2018 विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए औसत मतदान की तुलना में तीन प्रतिशत कम है। मतदान के दौरान कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुईं। ऐसी एक घटना में भिण्ड जिले में एक व्यक्ति घायल हो गया।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर औसतन 72.93 प्रतिशत मतदान हुआ था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 3.71 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 28 सीटों पर औसतन 66.22 प्रतिशत मतदान हुआ था।
एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रात नौ बजे तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार, मतदान का आंकड़ा 69.93 प्रतिशत आया है और जानकारी आने के बाद इसमें कुछ और बदलाव की संभावना है।
कोरोना महामारी के भय के बावजूद उपचुनाव में अधिक मतदान होने से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दोनों ने अपने-अपने दल की जीत का दावा किया है।
इस उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित 355 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मतदान किया।
मंगलवार को जैसे-जैसे मतदान बढ़ता गया भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री चौहान सहित अन्य नेता पहुंचे और विचार विमर्श किया।
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पार्टी कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष से मतदान की निगरानी करते रहे।
मुरैना के पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं का जाटवारा मतदान केन्द्र पर संघर्ष हुआ है और किसी अज्ञात व्यक्ति ने गोली चलाई।
उन्होंने कहा कि घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसे बंदूक की गोली लगी या वह लाठी से घायल हुआ है। इसका खुलासा चिकित्सा जांच के बाद हो सकेगा। घायल व्यक्ति को उपचार के लिये अस्पताल भेजा गया।
भिण्ड जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के सोंधा गांव में मतदान केन्द्र के पास गोली चलने की जानकारी मिली है। इसका सत्यापन किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि विवाद की शिकायतों के बाद ग्वालियर में जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिये कांग्रेस (सतीश सिकरवार) और भाजपा (मुन्नालाल गोयल) के उम्मीदवारों को नियंत्रण कक्ष में रोक लिया।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे कोविड-19 के रोकथाम के दिशा निर्देशों के साथ शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला।
प्रदेश में सबसे अधिक मतदान आगर मालवा सीट पर 83.75 प्रतिशत हुआ जबकि हाटपिपल्या में 83.66 प्रतिशत, बदनावर में 83.20, सुवासरा में 82.61 प्रतिशत और ब्यावरा में 81.37 प्रतिशत मतदान हुआ और ग्वालियर पूर्व सीट पर प्रदेश में सबसे कम 48.15 प्रतिशत मतदान हुआ।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जबकि वर्तमान में इसकी प्रभावी सदस्य संख्या 229 हैं क्योंकि 28 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद हाल ही में एक और कांग्रेस विधायक दमोह से राहुल लोधी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये। सदन में भाजपा के 107 विधायक हैं और भाजपा को सदन में साधारण बहुमत का आंकड़ा 115 तक पहुंचने के लिये आठ सीटें और चाहिये। इस साल मार्च माह के बाद से कुल 25 कांग्रेसी विधायकों के त्यागपत्र देने और भाजपा में शामिल होने के बाद सदन में कांग्रेस की संख्या घटकर 87 रह गयी है। इसके अलावा सदन में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक हैं।
25 कांग्रेस के विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने और तीन विधायकों के निधन के कारण प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर औसतन 72.93 प्रतिशत मतदान हुआ था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 3.71 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 28 सीटों पर औसतन 66.22 प्रतिशत मतदान हुआ था।
एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रात नौ बजे तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार, मतदान का आंकड़ा 69.93 प्रतिशत आया है और जानकारी आने के बाद इसमें कुछ और बदलाव की संभावना है।
कोरोना महामारी के भय के बावजूद उपचुनाव में अधिक मतदान होने से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दोनों ने अपने-अपने दल की जीत का दावा किया है।
इस उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित 355 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मतदान किया।
मंगलवार को जैसे-जैसे मतदान बढ़ता गया भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री चौहान सहित अन्य नेता पहुंचे और विचार विमर्श किया।
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पार्टी कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष से मतदान की निगरानी करते रहे।
मुरैना के पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं का जाटवारा मतदान केन्द्र पर संघर्ष हुआ है और किसी अज्ञात व्यक्ति ने गोली चलाई।
उन्होंने कहा कि घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसे बंदूक की गोली लगी या वह लाठी से घायल हुआ है। इसका खुलासा चिकित्सा जांच के बाद हो सकेगा। घायल व्यक्ति को उपचार के लिये अस्पताल भेजा गया।
भिण्ड जिलाधिकारी वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के सोंधा गांव में मतदान केन्द्र के पास गोली चलने की जानकारी मिली है। इसका सत्यापन किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि विवाद की शिकायतों के बाद ग्वालियर में जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिये कांग्रेस (सतीश सिकरवार) और भाजपा (मुन्नालाल गोयल) के उम्मीदवारों को नियंत्रण कक्ष में रोक लिया।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे कोविड-19 के रोकथाम के दिशा निर्देशों के साथ शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला।
प्रदेश में सबसे अधिक मतदान आगर मालवा सीट पर 83.75 प्रतिशत हुआ जबकि हाटपिपल्या में 83.66 प्रतिशत, बदनावर में 83.20, सुवासरा में 82.61 प्रतिशत और ब्यावरा में 81.37 प्रतिशत मतदान हुआ और ग्वालियर पूर्व सीट पर प्रदेश में सबसे कम 48.15 प्रतिशत मतदान हुआ।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जबकि वर्तमान में इसकी प्रभावी सदस्य संख्या 229 हैं क्योंकि 28 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद हाल ही में एक और कांग्रेस विधायक दमोह से राहुल लोधी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये। सदन में भाजपा के 107 विधायक हैं और भाजपा को सदन में साधारण बहुमत का आंकड़ा 115 तक पहुंचने के लिये आठ सीटें और चाहिये। इस साल मार्च माह के बाद से कुल 25 कांग्रेसी विधायकों के त्यागपत्र देने और भाजपा में शामिल होने के बाद सदन में कांग्रेस की संख्या घटकर 87 रह गयी है। इसके अलावा सदन में चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक हैं।
25 कांग्रेस के विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने और तीन विधायकों के निधन के कारण प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया।
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