बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए समाज में होनी चाहिए बहस : चौहान
1/11/2021 11:57:19 PM
भोपाल, 11 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि देश में बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए समाज में बहस होनी चाहिए।
चौहान ने कहा, ‘‘कई बार मुझे लगता है कि समाज में बहस होनी चाहिए कि बेटियों की शादी की उम्र 18 रहनी चाहिए या इसे बढ़ाकर 21 साल कर देना चाहिये। मैं इसे बहस का विषय बनाना चाहता हूं। प्रदेश सोचे, देश सोचे ताकि इस पर कोई फैसला किया जा सके।’’ प्रदेश-स्तरीय ''सम्मान'' अभियान की यहां शुरूआत करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ अपराध के उन्मूलन में समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना, महिलाओं और बालिकाओं के लिए सम्मानजनक एवं अनुकूल वातावरण तैयार करना और आम लोगों को कानूनी प्रावधानों के प्रति इस तरह जागरूक करना है कि वे महिला सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा सकें।
चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा। आम लोगों को कानून के राज का एहसास करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ माह में अपराधियों के विरूद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई का परिणाम है कि विभिन्न तरह के अपराधों में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कमी आयी है।
चौहान ने कहा, ‘‘बालिकाओं और महिलाओं से जुड़े अपराधों में लिप्त लोग नरपिशाच हैं। उन्हें किसी भी स्थिति में न छोड़ा जाए। बलात्कारियों को तो फाँसी ही मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में गुम बालिकाओं के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चैकलिस्ट के अनुसार कार्रवाई होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा। अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्रवाई की गई है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
चौहान ने कहा, ‘‘कई बार मुझे लगता है कि समाज में बहस होनी चाहिए कि बेटियों की शादी की उम्र 18 रहनी चाहिए या इसे बढ़ाकर 21 साल कर देना चाहिये। मैं इसे बहस का विषय बनाना चाहता हूं। प्रदेश सोचे, देश सोचे ताकि इस पर कोई फैसला किया जा सके।’’ प्रदेश-स्तरीय ''सम्मान'' अभियान की यहां शुरूआत करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ अपराध के उन्मूलन में समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना, महिलाओं और बालिकाओं के लिए सम्मानजनक एवं अनुकूल वातावरण तैयार करना और आम लोगों को कानूनी प्रावधानों के प्रति इस तरह जागरूक करना है कि वे महिला सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा सकें।
चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा। आम लोगों को कानून के राज का एहसास करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ माह में अपराधियों के विरूद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई का परिणाम है कि विभिन्न तरह के अपराधों में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कमी आयी है।
चौहान ने कहा, ‘‘बालिकाओं और महिलाओं से जुड़े अपराधों में लिप्त लोग नरपिशाच हैं। उन्हें किसी भी स्थिति में न छोड़ा जाए। बलात्कारियों को तो फाँसी ही मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में गुम बालिकाओं के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चैकलिस्ट के अनुसार कार्रवाई होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा। अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्रवाई की गई है।’’
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