गैर सरकारी संगठन ने जंगल बचाने के लिये राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की
7/23/2021 7:19:40 PM
भोपाल, 23 जुलाई (भाषा) पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने हीरा खनन के लिए छतरपुर जिले के बकस्वाहा के जंगल को खत्म करने की आशंका जताते हुए मध्यप्रदेश के राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप कर इसको तथा इसमें रहने वाले आदिवासी व जीव जंतुओं को बचाने की मांग की है।
वसुंधरा पर्यावरण एवं सांस्कृतिक संस्था की अध्यक्ष पूर्णिमा वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि संस्था ने इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपकर बकस्वाहा के जंगलों को बचाने के लिए उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
उन्होंने ज्ञापन में कहा, ‘‘बकस्वाहा जंगल को खत्म करने की योजनाबद्ध तरीके से शुरुआत हो चुकी है। जंगल की इस जमीन के भीतर से हीरे निकालने के लिये तकरीबन 382.121 हेक्टेयर जमीन की खुदाई करनी होगी जिसमें 46 किस्म के दो लाख पंद्रह हजार से अधिक पेड़ काटे जाएंगे साथ ही साथ कई किस्म की झाड़ियां ,छोटे पेड़ भी नष्ट किये जायेंगे ।’’ इसमें राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप कर उचित कार्यवाही करके इस प्राकृतिक संपदा व उसमें रहने वाले आदिवासी तथा जीव जंतुओं को बेघर होने से बचाने की अपील की है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वसुंधरा पर्यावरण एवं सांस्कृतिक संस्था की अध्यक्ष पूर्णिमा वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि संस्था ने इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपकर बकस्वाहा के जंगलों को बचाने के लिए उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
उन्होंने ज्ञापन में कहा, ‘‘बकस्वाहा जंगल को खत्म करने की योजनाबद्ध तरीके से शुरुआत हो चुकी है। जंगल की इस जमीन के भीतर से हीरे निकालने के लिये तकरीबन 382.121 हेक्टेयर जमीन की खुदाई करनी होगी जिसमें 46 किस्म के दो लाख पंद्रह हजार से अधिक पेड़ काटे जाएंगे साथ ही साथ कई किस्म की झाड़ियां ,छोटे पेड़ भी नष्ट किये जायेंगे ।’’ इसमें राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप कर उचित कार्यवाही करके इस प्राकृतिक संपदा व उसमें रहने वाले आदिवासी तथा जीव जंतुओं को बेघर होने से बचाने की अपील की है।
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