मप्र के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उपचार के दौरान बाघिन की मौत
11/29/2021 11:28:44 AM
भोपाल, 29 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के बफर जोन से निकालकर घायल अवस्था में बाड़े में रखी गई 10 वर्षीय एक बाघिन की मौत हो गई। वन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बीटीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टी-66 बाघिन को पिछले एक माह से रिजर्व के खितोली और पनपथा बफर इलाके में देखा गया था। वन अमला लगातार बाघिन की निगरानी कर रहा था क्योंकि वह कुछ गंभीर चोटों के कारण वह अपने लिए शिकार करने में असमर्थ थी।
उन्होंने बताया कि बाघिन को 26 नवंबर को खितोली क्षेत्र से निकाल कर बहेड़ा स्थित बाड़े में लाया गया जहां जबलपुर के नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉक्टरों के दल ने उसका एक ऑपरेशन किया। रेस्क्यू (बचाव) के दौरान बाघिन भूखी नजर आई। विशेषज्ञों की सलाह पर बाघिन को खिलाने का प्रयास किया गया, लेकिन बाघिन खाना नहीं खा पा रही थी। इसके बाद रविवार को उसकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि बाघिन के शव का परीक्षण किया गया और शव को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार निपटाया गया है।
मध्य प्रदेश कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई बाघ अभयारण्यों का घर है। प्रदेश ने 2018 की गणना में 526 बाघों की संख्या के साथ देश के सभी राज्यों में पहला स्थान पाया था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बीटीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टी-66 बाघिन को पिछले एक माह से रिजर्व के खितोली और पनपथा बफर इलाके में देखा गया था। वन अमला लगातार बाघिन की निगरानी कर रहा था क्योंकि वह कुछ गंभीर चोटों के कारण वह अपने लिए शिकार करने में असमर्थ थी।
उन्होंने बताया कि बाघिन को 26 नवंबर को खितोली क्षेत्र से निकाल कर बहेड़ा स्थित बाड़े में लाया गया जहां जबलपुर के नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉक्टरों के दल ने उसका एक ऑपरेशन किया। रेस्क्यू (बचाव) के दौरान बाघिन भूखी नजर आई। विशेषज्ञों की सलाह पर बाघिन को खिलाने का प्रयास किया गया, लेकिन बाघिन खाना नहीं खा पा रही थी। इसके बाद रविवार को उसकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि बाघिन के शव का परीक्षण किया गया और शव को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार निपटाया गया है।
मध्य प्रदेश कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई बाघ अभयारण्यों का घर है। प्रदेश ने 2018 की गणना में 526 बाघों की संख्या के साथ देश के सभी राज्यों में पहला स्थान पाया था।
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