ओबीसी आरक्षण: मप्र में कांग्रेस समर्थित बंद का मिलाजुला असर

5/21/2022 11:21:59 PM

भोपाल, 21 मई (भाषा) आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मध्य प्रदेश में शनिवार को कांग्रेस समर्थित पिछड़ा वर्ग महासभा के बंद को कोई खास समर्थन नहीं मिला और यह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। हालांकि, पार्टी ने दावा किया कि कई क्षेत्रों में बंद का व्यापक असर दिखा।

मध्य प्रदेश पुलिस के नियंत्रण कक्ष के उप निरीक्षक राहुल कटारा ने शनिवार शाम को बताया कि बंद के दौरान प्रदेश के किसी भी हिस्से में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राकेश सिंह लोधी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए काम करने वाली संस्था बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करेगी। उन्होंने कहा कि बंद को ग्वालियर और चंबल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अच्छा समर्थन मिला। लोधी ने कहा कि संगठन के लोगों ने बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया और इस हेतु बल प्रयोग नहीं किया।

कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि महासभा का ग्वालियर और भिंड क्षेत्र में प्रभाव है और वहां बंद को अच्छा समर्थन मिला।
हालांकि, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में बंद से बाजार, पेट्रोल पंप और सार्वजनिक परिवहन अप्रभावित रहे। ग्वालियर में कुछ बंद समर्थक लोगों से बाजारों में अपनी दुकानें बंद करने का अनुरोध करते हुए देखे गए। दुकानदारों ने कुछ समय के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए।

प्रदेश की राजधानी तक पहुंचने वाली रिपोर्ट के अनुसार, पांच जिलों के कुछ बाजार, चंबल संभाग में भिंड और मुरैना के अलावा सिवनी, मंडला और अनूपपुर में कुछ देर के लिए बंद का असर दिखा।

इस सप्ताह के प्रारंभ में उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति इस शर्त के साथ दी कि यह 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

लोधी ने कहा, ‘‘शीर्ष अदालत का आदेश हमारे पक्ष में नहीं है। हमें सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। लेकिन प्रदेश में ओबीसी की आबादी के हिसाब से कोटा दिया जाना चाहिए जोकि 48 प्रतिशत है।’’

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PTI News Agency

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