भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में मध्य प्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान देगा : चौहान

8/08/2022 10:43:40 AM

भोपाल, सात अगस्त (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मध्य प्रदेश द्वारा 550 बिलियन डॉलर का योगदान दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश 21वीं सदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यापक ‘विजन’ को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहा है। चौहान ने रविवार को नीति आयोग के संचालन परिषद की नयी दिल्ली में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण में नीति आयोग की बड़ी भूमिका है। नीति आयोग किस तरह राज्यों की ताकत बनता है, मध्य प्रदेश उसका ज्वलंत उदाहरण है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की।

चौहान ने बताया कि राज्य में वर्ष 2020 में ही आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप विकसित कर लिया गया था। मध्य प्रदेश ने वर्ष 2021-22 में 19.74 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत पूंजीगत व्यय कर रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 48,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है।

उन्होंने कहा कि रोजगार हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अगले एक वर्ष में राज्य में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जायेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश बड़ी छलांग लगाकर देश में 5वें स्थान पर पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य में ‘एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी’ अभियान से आंगनवाड़ियों के कायाकल्प के लिए जनता को जोड़ने का सफल अभियान चलाया जा रहा है। जहां एक ओर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-प्राइमरी शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाले 9200 सी.एम. राइज स्कूल खोले जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 18,500 स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है। चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सत्र 2022-23 से एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में प्रारम्भ की जा रही है। साथ ही, राज्य के छह इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक. कार्यक्रम और छह पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News

Related News