चीतों के लिए बनाये गये बाड़े में उनके भोजन के लिए छोड़े गये 250 से अधिक चीतल

8/08/2022 7:58:52 PM

भोपाल, आठ अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से जल्द लाए जाने वाले चीतों को रखने के लिए बनाए गए बाड़े में उनके भोजन के लिए वन विभाग ने 250 से अधिक चीतलों को छोड़ दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी है।
वन अधिकारियों ने बताया कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान ने 12 से 15 चीतों को बसाने के लिए तैयारी कर ली है और दक्षिण अफ्रीका से लाये जाने वाले चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले इस बाड़े में दो-तीन महीनों तक रखा जाएगा। इनमें मादा चीते भी हैं।

इस कारण देश में बिलुप्त हुए इन चीतों की दहाड़ फिर से सुनाई देगी। इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने के लिए करीब 10 साल से चर्चा हो रही थी। देश में इस प्रजाति का अंतिम चीता 1947 में अविभाजित मध्यप्रदेश के कोरिया इलाके में देखा गया था, जो अब छत्तीसगढ़ में आता है। बाद में 1952 में इस जानवर को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया। इस प्रजाति के चीते की रफ्तार 80 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है।
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने कहा, ‘‘हम पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले ‘सॉफ्ट रिलीज बाड़े’ में विदेश से लाये जाने वाले चीतों को जल्द छोड़ने जा रहे हैं। हमने इस ‘सॉफ्ट रिलीज बाड़े’ में’ 250 से अधिक चीतलों को पहले ही छोड़ दिया है, ताकि वे इनका शिकार कर अपना भोजन कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि इन चीतलों को मध्य प्रदेश स्थित पेंच बाघ अभयारण्य और नरसिंहगढ़ वन्यप्राणी अभयारण्य से लाया गया है।
चौहान ने बताया कि चीतों के भोजन के लिए इस बाड़े में 500 और चीतल छोड़े जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चीतों को खुले जंगल में छोड़ने से पहले संभवतः दो से तीन महीने के लिए बाड़े में रखा जाएगा, जब वे एक बार यहां के वातावरण में घुल-मिल जाएंगे, तब उन्हें बाड़े से बाहर खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।
कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को स्थानांतरित कर देश में फिर से बसाने की परियोजना के सिलसिले में भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर वाई वी झाला शनिवार को जोहान्सबर्ग पहुंचे।
वापसी के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर झाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरा वापसी का टिकट अभी तक बुक नहीं किया गया है।’’ जब उनसे सवाल किया गया कि चीते भारत कब पहुंचेंगे, तो इस पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में मुझे पता नहीं है।
झाला ने बताया, ‘‘सरकार इस पर फैसला करेगी।’’ अटकलें लगाई जा रही है कि 13 अगस्त तक चीते भारत पहुंच सकते हैं।
हाल ही में अधिकारियों ने कहा था कि चार से पांच मादा चीतों सहित बारह चीतों को भारत ले जाने की तैयारियों के तहत उन्हें टीका लगाया गया है और एक महीने से पृथक-वास में रखा गया है।



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PTI News Agency

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