झोपड़ी में रहने वालों के कागजों में बना दिए पक्के मकान, PM आपास योजना में बड़ा गड़बड़ घोटाला आया सामने

3/16/2022 2:08:06 PM

डिंडौरी(दीपू ठाकुर): डिंडौरी जिले के नेवसा ग्राम पंचायत में पीएम आवास योजना के मकान कागजों में बना दिए गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि हितग्राहियों को इस बात का पता ही नहीं है कि उनके नाम से पीएम आवास योजना की चारों किश्तें निकालकर सरकारी फाइलों में आवास पूर्ण होना दर्ज़ कर दिया गया है। कच्चे झोपड़ीनुमा मकानों में जीवनयापन करने वाले ग्रामीण पीएम आवास की लिस्ट में खुद का मकान पूर्ण देखकर हैरान परेशान हैं। ग्रामपंचायत नेवसा में कई ग्रामीण ऐसे हैं जिनका पीएम आवास की लिस्ट में बाकायदा मकान पूर्ण दर्ज़ है जबकि धरातल में उनका मकान गायब है तो वहीं 40 से अधिक ऐसे आवास हैं जो आधे अधूरे बने हुए हैं लेकिन अफसरों ने सरकारी फाइलों में उन्हें पूर्ण घोषित कर दिया है। पीएम आवास में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा जनपद के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना असंभव है। पीएम आवास में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जनपद के अधिकारी कैमरे से मुंह छिपाते नजर आ रहे हैं।

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कच्चे मकान के एक कमरे में जीवनयापन करने वाली बुजुर्ग महिला सुखिया बाई को कुछ दिन पहले ही मालूम हुआ है कि उसके नाम से पीएम आवास योजना का मकान बना हुआ है यह बात अलग है कि धरातल में कोई निर्माण हुआ ही नहीं है। सुखिया बताती है कि न कभी उसने कहीं अंगूठा लगाया है न कहीं फिंगर स्केन कराया है फिर उसके नाम से आवास की चारों किश्तें कैसे निकाल ली गई।

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मैकू नामक हितग्राही का पीएम आवास के नाम पर चार गड्ढे हैं जो अब भर चुके हैं साथ ही नींव के लिए दो साल पहले मिली कुछ सामग्री है जो आज भी वैसे ही रखी हुई है लेकिन मैकू का आवास सरकारी फाइलों में कंप्लीट दर्शा दिया गया है। मैकू का बेटा लाल सिंह ने बताया कि मकान बनाने का दावा कर सरपंच सचिव ने उनके पिता से पहली किश्त की राशि ले ली थी और काम शुरू ही नहीं किया। जब हमने उसको पीएम आवास की लिस्ट में उसके पिता का मकान पूर्ण होना दिखाया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

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गांव के मुखिया भुवन सिंह ने बताया कि उनके गांव में पीएम आवास योजना समेत सभी सरकारी योजनाओं में ग्रामपंचायत के द्धारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। कई लोगों के नाम पर फ़र्ज़ी तरीके से पीएम आवास योजना की किश्तें निकाल ली गई है एवं आधे अधूरे आवासों को सरकारी रिकार्ड में कंप्लीट दिखा दिया गया है जिसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा जनपद कार्यालय में अनेकों बार की गई है। आरोप है कि जनपद के अधिकारी सरपंच व सचिव पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें संरक्षण प्रदान करते हैं तो वहीं ग्रामपंचायत के सरपंच पीएम आवास योजना में गड़बड़ी की बात तो स्वीकार कर रहे हैं लेकिन वो खुद को पाकसाफ बता रोजगार सहायक पर दोष मढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। जनपद पंचायत के सीईओ गणेश पांडे से जब हमने इस मामले में बात करने की कोशिश की तो साहब कैमरे से मुंह छिपाते हुए दिख रहे हैं।


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meena

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