स्वच्छता में पिछड़ रहा रायगढ़, मेटेनेंस की हिम्मत नहीं जुटा पा रही निगम, बीजेपी ने ली चुटकी

8/4/2022 5:46:28 PM

रायगढ़ (पुनीराम रजक): स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2022) के दौरान शहर को सुंदर दिखाने और शहर की ब्रांडिंग के लिए वॉल पेंटिंग (wall painting) और सौदर्यीकरण के नाम पर शहर सरकार ने बीते साल 1.5 करोड़ से अधिक खर्च किए हैं। लेकिन अब इनके मेंटेनेंस पर निगम (raigarh nagar nigam) के पसीने छूट रहे हैं। आलम ये है कि लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए फाउंटेन (fountain) बंद हो चुके हैं तो वही मूर्तियां देखभाल के अभाव में टूट फूट रही हैं। रायगढ़ नगर निगम को इसकी फिक्र तक नहीं है। स्थानीय लोगों के साथ साथ विपक्ष भी नगर निगम की उदासीनता और फिजूलखर्ची को लेकर सवाल उठा रहा है।

करोड़ों खर्च लेकिन रोनक नहीं

केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2022) के पहले नगर निगम ने शहर के चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण की योजना बनाई थी। 2019 में इसके लिए सीएसआर मद से 1.5 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया था। योजना के तहत शहर के चौक चौराहों में वॉल पैंटिंग्स, मूर्तियां और वॉटर फॉल लगाए गए थे। लाइटिंग पर भी लाखों रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन इसके बाद कोविड की वजह से सर्वे के लिए टीम नहीं पहुंची।

बीजेपी ने बनाया मुद्दा 

इधर नगर निगम ने इनका मेंटेनेंस भी बंद कर दिया। आलम यह है कि शहर के सभी 5 वॉटर फॉल बंद हैं। सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों खर्च कर लगाई गई मूर्तियां देखभाल के अभाव में विक्षिप्त हो रही हैं। बीते एक साल से निगम ने इनके मेंटेनेंस पर एक रुपए भी खर्च नहीं किया है। ऐसे में अव्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। भाजपा (bjp) भी फिजूलखर्ची को लेकर शहर सरकार (city government) पर सवाल उठा रही है। भाजपा का कहना है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ी राशि की बर्बादी की गई है। मौजूदा दौर में निगम प्रशासन (nigam administration) सौंदर्यीकरण को लेकर गंभीर नहीं है।

जारी किए जाएंगे टेंडर

इधर मामले में मेयर भी मेंटेनेंस नहीं होने की बात को स्वीकार कर रही हैं। हालांकि मामले में मेयर का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया जारी  है। निगम कर्मचारियों को शीघ्र ही इनके मेंटेनेंस के निर्देश दिये हैं।

 

Devendra Singh

This news is News Editor Devendra Singh