रेलवे प्रशासन हुआ परेशान, आने थे 32 पहुंचे 850, साथ में सतना आए भोपाल-रतलाम और ग्वालियर के श्रमिक

5/18/2020 5:55:30 PM

सतना (रविशंकर पाठक): मुंबई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से चलकर यहां पहुंचे सतना समेत 4 जिलों के 1800 यात्री रविवार की शाम स्थानीय जिला प्रशासन के लिए उस वक्त बड़ी चुनौती बन गए। जब पता चला कि ट्रेन में सवार सबसे ज्यादा 750 यात्री तो अकेले रीवा जिले के हैं, जबकि रेलवे ने जिला प्रशासन को इस टे्रन में रीवा के सिर्फ 32 यात्रियों के सफर करने की जानकारी दी थी। इसे मानकर रीवा ने यहां एक बस भेज दी थी। मगर यहां मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। सीधी-शहडोल ने जहां एक भी बस नहीं भेजी थी।

वहीं इसी श्रमिक एक्सप्रेस में भोपाल, ग्वालियर और रतलाम के भी श्रमिक सवार थे। इसी बीच खबर है कि इस टे्र्रन से आए सतना जिले के तकरीबन एक दर्जन यात्रियों को रेंडम सेंपलिंग के लिए चिन्हित करते हुए क्वारंटाइन करने का निर्णय लिया गया।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई से यहां आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रीवा के 750, सतना के 500 और 50 अन्य सीधी, शहडोल, भोपाल-रतलाम और ग्वालियर के यात्री भी सवार थे। सवाल ये उठा कि एक साथ उतरे 1800 यात्रियों को आखिर उनके गंतव्य तक कैसे पहुंचाया जाए। स्थानीय प्रशासन ने स्टेशन में जरुरत के हिसाब से 22 बसें लगा रखी थी। रीवा के लिए भी एक बस उपलब्ध थी, जबकि 750 यात्री जाने को तैयार बैठे थे। अंतत: आनन- फानन में रीवा के लिए 12 बसों का इंतजाम किया गया। इसके अलावा 4 अन्य बसें बुलाई गईं। रीवा जा रही बसों में सीधी-शहडोल के यात्री समायोजित किए गए। श्रमिकों को भोपाल से लेकर आई एक बस से भोपाल और रतलाम के यात्रियों को भेजा गया। देर रात ग्वालियर के यात्रियों को भी भेजे जाने की कवायद चलती रही।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 24 घंटे के दौरान सतना स्टेशन में 5 अलग-अलग श्रमिक ट्रेनों से यहां 1949 यात्री आए। जिनमें से जिले के यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। इन्हीं में से एहतियात के तौर पर जहां 4 यात्रियों के थ्रोट स्वाब सेंपल प्रिजर्व किए गए। वहीं 20 यात्रियों को जीएनएम कालेज में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन भी किया गया। इंदौर-रीवा ट्रेन से 172,  मद्रास-रीवा से 224, सतना-मुंबई से 1800, घटकेशर-रीवा से 111 और मडगांव-रीवा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 44 यात्री उतरे।

रविवार को हालात उस वक्त हंगामाई हो गए जब मद्रास से चल कर रीवा की ओर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शाम साढ़े 5 बजे रेलवे स्टेशन में तो लग गई, लेकिन यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए तैनात 4 में से 2 मेडिकल टीम का दूर-दूर तक पता नहीं था। ट्रेन से सतना जिले के 224 यात्री उतरे। मगर स्क्रीनिंग के लिए महज 2 टीमें ही मौजूद थीं। जब 2 अन्य टीमों को तलाश की गई तो पता चला कि रेलवे ने रीवा-मद्रास ट्रेन के शाम 4 बजे पहुंचने की जानकारी दी है। लिहाजा मेडिकल टीम ने शाम साढ़े 4 बजे तक स्टेशन पहुंचने का टाइम शेड्यूल कर रखा था। जैसे ही स्टेशन में ट्रेन खड़ी होने की खबर मिली 2 अन्य टीम को मौके पर भेजा गया,तब कहीं स्क्रीनिंग शुरु हो पाई।

स्टेशन में 224 यात्रियों के बीच सिर्फ 2 मेडिकल टीम की उपलब्धता को देखते हुए एक बार ट्रेन से उतारे जा चुके यात्रियों को फिर से उसी ट्रेन में चढ़ा दिया गया। यही सिलसिला एक बार फिर से दोहराया गया। अंतत: 2 अन्य मेडिकल टीमों के पहुंचने के बाद एक बार दफा फिर से सतना के सभी यात्री उतारे गए और इस तरह से स्क्रीनिंग शुरु हो पाई।

मद्रास-रीवा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरे 224 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग में व्यवधान ,थ्रोट स्वाब की सेंपलिंग और यात्रियों को क्वारंटाइन किए जाने से जुड़े जरुरी सवालों के जवाब में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) का दो टूक जवाब था कि उन्हें कुछ पता नहीं है। जवाब में सीएमएचओ ने महज इतना ही कहा कि उन्हें सिर्फ इतना ही पता है कि सबकी स्क्रीनिंग कराई गई है।

लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों को घर पहुंचाने का सिलसिला जारी है। बताया गया है कि 14 मई को पटियाला से रीवा और मुंबई के वापी से रीवा के लिए एक-एक ट्रेन आएंगी। इनमें से पहली ट्रेन सुबह साढ़े 4 बजे और दूसरी प्रात: 11 बजे पहुंचेगी। इन दोनों ट्रेनों को सतना स्टेशन में भी हॉल्ट मिलेगा।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh