आदिवासी वोट बैंक को लेकर जबलपुर में राजनीतिक पार्टियों में रार, रानीताल चौक का नाम बदलने को लेकर गर्माई राजनीति

4/26/2023 1:46:00 PM

जबलपुर (विवेक तिवारी): मध्य प्रदेश की राजनीति में इस बार आदिवासी वोट बैंक अहम रोल अदा करेगा, लिहाजा सभी दल आदिवासी वोट बैंक को लुभाने जुटे हुए हैं लेकिन जबलपुर में कांग्रेस महापौर की एक घोषणा के बाद  गर्मी में राजनीतिक पारा और भी उबाल मारने लगा है। आदिवासी समाज यहां पर गुस्से में आ गया है तो ब्राह्मण समाज भी आंदोलन की भूमिका बनाने से पीछे नहीं हट रहा है। दरअसल जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने परशुराम जयंती के अवसर पर रानीताल चौक का नाम भगवान परशुराम के नाम करने की घोषणा कर दी। ब्राह्मण समाज इससे काफी प्रसन्न हो गया लेकिन इसकी खबर जब गोंडवाना समाज को लगी तो गोंडवाना समाज विरोध में उतर आया है और उसने मांग कर दी है कि रानीताल चौक पर अब रानी दुर्गावती की प्रतिमा भी स्थापित हो।

गोंडवाना समाज का विरोध जब सड़कों पर उतरा और इसकी जानकारी जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू को लगी तो वे आदिवासी समाज के पक्ष में खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि जो मैंने घोषणा की थी उसको मैं वापस लेता हूं लेकिन वादा करता हूं कि रानीताल चौक को छोड़कर ब्राह्मण समाज जो भी चौक बताएगा वहां पर भगवान परशुराम के नाम से चौक का नाम रखा जाएगा और प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। वही नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल भी सामने आए उन्होंने कहा कि महापौर ने घोषणा की थी भगवान परशुराम के नाम से चौक बनाने की और हमने प्रस्ताव भी दिया था लेकिन शायद महापौर ने बिना जानकारी लिए जल्दबाजी कर दी लिहाजा ये हालात बन गए है।

जबलपुर में रानीताल चौक को भगवान परशुराम के नाम से करने की घोषणा को वापस लेने से ब्राह्मण समाज भी उग्र नजर आ रहा है। ब्राह्मण समाज की ओर से बीजेपी पार्षद जीतू कटारे सामने आए और उन्होंने कहा कि रानीताल चौक का नाम ही भगवान परशुराम के नाम से करना चाहिए और ऐसा करने के लिए ब्राह्मण समाज एकजुट है और आंदोलन की भूमिका भी बना रहा है।

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