चंबल में BJP को बहुत बड़ा झटका! टिकट न मिलने से खफा रसाल सिंह ने छोड़ी पार्टी, बोले- लहार में गद्दार पर भरोसा किया
10/15/2023 3:28:21 PM
ग्वालियर: ग्वालियर-चंबल अंचल की सियासत में भारतीय जनता पार्टी का चर्चित चेहरा चार बार विधायक और एक बार नगर पालिका अध्यक्ष रहे कद्दावर नेता रसाल सिंह ने रविववार को भारी मन से अपनी पितृ संस्था भाजपा को अलविदा कह दिया। अपने त्यागपत्र में उन्होंने भाजपा द्वारा विधान सभा चुनाव के मद्दे नजर चुनावी रण में उतारे जा रहे प्रत्याशियों को लेकर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जिन नेताओं ने भाजपा संगठन के साथ गद्दारी कर अधिकृत प्रत्याशी को हराने के लिए खुद दूसरे सियासी दल से चुनाव मैदान में उतरा हो उसी को प्रत्याशी बनाना मेरे स्वाभिमान के साथ न्याया नहीं है।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भाजपा जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया को लिखे पत्र में कहा है कि भाजपा ने लहार विधानसभा सीट से जिस अम्बरीश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है उसने दो बार साल 2013 और साल 2018 में मुझे चुनाव हराने के लिए भाजपा संगठन के खिलास जाकर काम किया। मैंने संगठन के नीति निर्धारकों को अपनी बात विस्तार से कही, मैंने कहा कि वर्तमान प्रत्याशी की जगह पार्टी जिसे भी प्रत्याशी बनाएगी वह सहर्ष उसकी जीत सुनिश्चत करने के लिए प्राणपण से जुट जाएंगे। लेकिन संगठन ने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी। तब मुझे अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए उस संस्था से त्यागपत्र देने का कठोर निर्णय लेना पड़ा, जिसके लिए मैंने सारी जिन्दगी संघर्ष किया।
बता दें कि पूर्व विधायक रसाल सिंह तत्कालीन रौन विधानसभा सीट से चार बार विधायक और भिण्ड नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2013 और 2018 में वह भाजपा प्रत्याशी के रुप में लहार विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन अपनी पार्टी के विभीषण के चलते चुनाव हार गए। उनका लहार के अलावा भिण्ड जिले की गोहद, मेंहगांव और भिण्ड विधान सभा सीटों पर प्रभाव है। यदि वह भाजपा छोड़ने के बाद किसी अन्य सियासी पार्टी का रुख करते हैं। तो आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा को खतरा पैदा कर सकते हैं।