ग्वालियर चंबल में भाजपा के लिए कितने फायदेमंद हुए सिंधिया, कितनी सीटें बढ़ी जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट

12/5/2023 12:12:10 PM

भोपाल (विवान तिवारी): मध्य प्रदेश में चुनावी नतीजों के आने के बाद कई अलग-अलग प्रकार की चर्चाएं है और इसमें से एक चर्चा ये है कि जहां एक तरफ वर्ष 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस खेमे थे तो उन्होंने वर्ष 2020 में पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब ऐसे में एक बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को ग्वालियर चंबल में कोई विशेष फायदा कराया या नहीं।

• 2018 में मिली थी भाजपा को सिर्फ 7 सीटें

पहले पैराग्राफ में एक सवाल पर जो चर्चा हुई उसके जवाब टटोलने के लिए निकला जाए तो सबसे पहले थोड़ा पीछे चलने की जरूरत होगी। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे। ऐसे में कांग्रेस को वहां 34 सीटों में से 26 सीटों पर प्रचंड जीत मिली थी। वहीं सिर्फ सात सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को संतोष करना पड़ा था। मगर अब जब सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में है ऐसे में उन्होंने लगातार ताबड़तोड़ कई चुनावी सभाएं की रैलियां की और भारतीय जनता पार्टी को 7 सीटों से सीधे 18 सीटों ला दिया। वहीं कांग्रेस 16 सीटों पर सिमट कर रही गई।

• सिंधिया ने दिया है राजनीतिक विरोधियों को जवाब

ग्वालियर चंबल में जिस तरीके का प्रभाव सिंधिया का 23 के चुनाव में देखने को मिला है। दरअसल इसे कांग्रेसी हमेशा झुठलाते आए हैं। हमेशा से उनकी तरफ से यह कहा गया कि सिंधिया का ग्वालियर चंबल में कोई प्रभाव नहीं है, वह एक गद्दार नेता है। वहीं इन सब के बीच में शांति से सिंधिया ने अपने समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी के लिए स्टार प्रचारक के रूप में प्रचार किया लगातार सभाओं में जाते रहे अपने प्रभावशाली भाषण से लोगों को प्रभावित करते रहे और नतीजा ये निकला कि वहां पर कांग्रेस की सीटें कम हो गई।

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