ये है रोजगार मेलों की असलियत, जमकर हो रहा युवाओं का शोषण

7/23/2018 5:16:04 PM

बैतुल : बड़े-बड़े दावे करते हुए बेरोजगारो को रोजगार देने के नाम पर आयोजित किए जा रहे मेलों की सच्चाई अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। बड़ी-बड़ी कंपनिया युवाओं को सपने दिखाकर ले तो जा रही है। लेकिन असल में इनका शोषण किया जाता है। ऐसा ही एक मामला बैतूल के गांव बगोड़ा से सामने आया है। जहां युवाओं को निर्धारित वेतन से आधा वेतन दिया गया।

जानकारी के अनुसार गांव के 20 से 25 युवकों को फुटवेयर डिजायनिंग इंस्टीट्यूट के जरिए दक्षिण भारत के वैल्लूर भेजा गया था। इन छात्रों को 13 हजार रूपए मासिक वेतन दिए जाने के साथ-साथ रहने और खाने की सुविधा देने का वादा भी किया गया। जैसे ही युवक कंपनी में पहुंचे तो दो दिनों की ट्रनिंग देने के बाद उन्हें चमड़े के बैगों की सिलाई का काम दे दिया।



13 हजार की सैलरी सीधे छह हजार पर आ गई। रहने को टीन की छत दी गई तो खाने के लिए इल्ली और कीड़े युक्त भोजन। इनमें से नौ युवक किसी तरह भाग कर बैतूल पहुंचे और इसकी शिकायत कलेक्टर शंशाक मिश्र से की। मामले पर कलेक्टर का कहना है कि बेरोजगार युवाओं की शिकायत संबंधित विभाग को भेजी जाएगी और इसके बाद पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

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