निजी स्कूलों की मनमानी पर लगी रोक, फीस को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

6/26/2020 1:50:09 PM

इंदौर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते स्कूल, कॉलेज समेत सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं लेकिन कई स्कूलों सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद मनमाने ढंग से फीस वसूली कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब मांगा है। दरअसल, राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस वसूलने की मंजूरी भी दे दी थी। इसका फायदा उठाते हुए निजी स्कूलों ने मनमानी फीस वसूलनी शुरु कर दी। इसी बीच अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में साफ कर दिया कि निजी स्कूल छात्रों से सरकार के आदेशानुसार सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के अधिकारी हैं। स्कूल इसके अलावा मनमाने तरीके से फीस वसूली नहीं कर सकते।



फीस को लेकर गुरुवार को न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जहां याचिकाकर्ता ने दलील दी कि मध्य प्रदेश के कई निजी स्कूल विद्यार्थियों-अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब मांगा है।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण पिछले तीन महीने से स्कूल बंद है। इसके कई निजी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग, एक्टिविटी सहित अन्य कई मदों में फीस वसूल कर रहे हैं। जबकि शिवराज सरकार ने साफ़ कहा है कि निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकते हैं। अधिवक्ता अजय गुप्ता ने दलील दी कि सरकार के आदेश-निर्देश का  उल्लंघन कर निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं।

ये थे सीएम शिवराज सिंह के निर्देश
कोरोना संकट के कारण लोगों के काम धंधे ठप्प हो गए है, जिसके चलते लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसको देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति देते हैं। ताकि स्कूल बिना किसी वित्तीय समस्या के चलाए जा सकें। लेकिन कोई भी निजी स्कूल लाइब्रेरी, बस, स्पोर्ट्स समेत किसी भी प्रकार की फीस नहीं वसूल सकते हैं। 

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