MP News: रिटायर्ड अफसर लावारिस जिंदगी जीने को मजबूर, बीमार हुए तो बुढ़ापे में अपनों ने छोड़ दिया साथ..

1/14/2024 1:29:44 PM

रीवा। (गोविंद सिंह): मध्य प्रदेश के रीवा में कड़ाके की ठंड के बीच संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय की आकस्मिक चिकित्सा विभाग में स्थित प्रतीक्षालय में यह बुजुर्ग कई दिनों से रह रहे हैं। अगर कोई खाने को कुछ दे देता है तो पेट भर लेते हैं नहीं तो भूखे ही रह जाते हैं। दरअसल यह शख्स कोई आम इंसान नहीं है बल्कि यह कृषि विभाग में कभी संयुक्त संचालक हुआ करते थे। लेकिन जब बुढ़ापा आया तो सभी अपनों ने साथ छोड़ दिया। इनका नाम शंकर भट्टाचार्य है। 

 

आपको बता दें कि शंकर का कुछ साल पहले तक नरेंद्र नगर में आलीशान मकान था। इस मकान को 2017 में उन्होंने बेच दिया था। बच्चों की खुशहाली के लिए इन्होंने कोई भी कसर नहीं छोड़ी। इनके एक बेटा और एक बेटी है। बेटा बेंगलुरु में रह रहा है और बेटी की जबलपुर में शादी हो गई है शंकर बताते हैं कि अब पत्नी भी साथ नहीं है, वृद्धावस्था में बुढ़ापा काट रहे थे। लेकिन बीमारी के चलते बार-बार अस्पताल जाना पड़ता है इसके लिए यहीं ठहर गए हैं। शंकर भट्टाचार्य ने बताया कि बहू उन्हें पसंद नहीं करती इस कष्ट भरे दिन में वे सिर्फ इतना ही कहते हैं कि मतलब की दुनिया है कोई किसी का नहीं होता है।

 

शंकर भट्टाचार्य की उम्र 76 साल है जो भरा पूरा परिवार होने के बाद भी अस्पताल की बेंच पर पड़े हुए हैं। इनके यूरिन में कुछ तकलीफ थी जिसका इलाज पहले रीवा के संजय गांधी अस्पताल में कराया था और अब फिर बेंगलुरु चले गए वहां आराम नहीं मिला तो रीवा इलाज कराने आ गए। लेकिन उनके साथ उनका परिवार नहीं है। यही वजह है कि वह यहां पर रह रहे हैं।

Himansh sharma

This news is Content Editor Himansh sharma