कमलनाथ के दोस्त संजय गांधी ने भी लागू की थी पुरुषों की नसबंदी योजना, विरोध के बाद लिया था यू- टर्न

2/21/2020 3:46:38 PM

भोपाल: पुरुषों की नसबंदी के टारगेट के फरमान जारी करना और विरोध के बाद फिर वापस लेने से कमलनाथ सरकार चारों ओर से घिर गई है। यह कोई पहला मौका नहीं है कि कांग्रेस के शासन में ऐसा फरमान जारी किया हो। इससे पहले भारत में 25 जून 1975 के आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय ‘गांधी-नेहरू’ ने पुरुषों की नसबंदी का फरमान जारी किया था।



उन दिनों संजय गांधी समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास कर रहे थे। इसमें देश में बढ़ती हुई आबादी एक बड़ी समस्या थी। इसे देखते हुए इंदिरा गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए बड़ा फैसला लिया और पर्दे के पीछे से संजय गांधी ने इसे संचालित किया। लेकिन कमलनाथ सरकार की तरह उन्हें भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। बताया जा रहा है कि संजय गांधी के इस अभियान के दौरान करीब 62 लाख लोगों की नसबंदी की गई थी। ये भी आरोप लगता है कि गलत ऑपरेशन की वजह से करीब दो हजार लोगों की मौत भी हो गई थी। संजय गांधी ने दिल्ली के मुस्लिम बहुल एरिया से इस अभियान की शुरुआत का फैसला लिया था। इसी वजह से यह भी अफवाह फैली थी कि देश में मुसलमानों की आबादी घटाने की साजिश के तहत यह फैसला लिया गया था।



संजय गांधी ने आपातकाल के दौरान पुरुषों की नसबंदी का अभियान शुरु कर दिया। इस काम में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को टारगेट दिया गया। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों को संदेश मिला, ” नसबंदी कार्य में शामिल सभी कर्मचारियों को यह सूचित कर दिया जाए कि यदि टारगेट पूरा नहीं हुआ तो न सिर्फ उनका वेतन रुकेगा बल्कि निलंबन के साथ उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया जाएगा।” आज ठीक वैसा ही फैसला आज कमलनाथ सरकार ने जारी किया था भले ही बीजेपी के विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया लेकिन कमलनाथ सरकार के इस फैसले ने संजय गांधी के फरमान की याद दिला दी।

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