संजय पाठक के वकील ने छोड़ा केस, जज को फोन लगाने से बढ़ी मुश्किलें, अवैध माइनिंग का है मामला
Thursday, Sep 11, 2025-03:04 PM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के कटनी से जुड़े बहुचर्चित अवैध खनन मामले में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट जज को सीधे फोन करने का मामला सामने आने के बाद उनके वकीलों ने भी मुकदमों से किनारा कर लिया है। अब करोड़ों के इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में होगी।
वकीलों ने लिया कदम
1 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट में यह जानकारी सामने आई कि विधायक के एक करीबी ने सीधे जस्टिस से संपर्क करने की कोशिश की थी। इस पर जस्टिस विशाल मिश्रा ने खुद को केस की सुनवाई से अलग कर लिया। इसके बाद वकील अंशुमान सिंह ने हाईकोर्ट को लिखित में इसकी जानकारी दी और बाद में उन्होंने भी पाठक का केस छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों की पैरवी कर रहे चार अन्य वकीलों ने भी वकालतनामा वापस ले लिया।
443 करोड़ रुपये के जुर्माने का मामला
मामला जनवरी 2025 का है। कटनी निवासी आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग कॉरपोरेशन और पैसिफिक एक्सपोर्ट्स पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन का आरोप लगाया। जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद सरकार ने इन कंपनियों पर 443 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। कंपनियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
जज की गंभीर टिप्पणी
सुनवाई के दौरान जस्टिस विशाल मिश्रा ने ऑर्डर शीट में दर्ज किया कि संजय पाठक ने उनसे सीधे फोन पर चर्चा करने की कोशिश की, इसलिए उन्होंने केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जज ने इसे गंभीर मामला मानते हुए इसे चीफ जस्टिस के पास रेफर कर दिया। अब इस केस की अगली सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में तय होगी।