शिवराज की घोषणा महज सरकारी कागजी, कोरोना मौतों के आंकड़ों में जमकर हुआ हेरफेर- संजय शुक्ला

5/21/2021 10:25:37 AM

इंदौर(सचिन बहरानी): कोरोना काल में संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले नागरिकों के लिए विधायक संजय शुक्ला एक नई पहल करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि शनिवार से उनके निवास पर एक कार्यालय खोला जाएगा। जहां इंदौर में कोरोनावायरस से मृत हुए व्यक्तियों का पंजीयन किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों का पंजीयन कर सारे दस्तावेज इकट्ठा कर राज्य सरकार के समक्ष उनके परिजनों को 100000 रुपए की सहायता देने के लिए दावा किया जाएगा। क्योंकि कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या और सरकारी कागजों में मौतों के आंकड़ें में बड़ा हेरफेर हुआ है ऐसे में बहुत लोग ऐसे हैं जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसलिए अब उन परिजनों से दस्तावेज इक्टठे किए जाएगें जिनके पारिवारिक सदस्यों की कोरोना से मौत तो हुई है लेकिन अस्पताल द्वारा कोरोना से मरना घोषित नहीं किया है।

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शुक्ला ने कहा कि गुरुवार को ही राज्य सरकार के द्वारा यह घोषणा की गई है कि कोरोना के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को सरकार की ओर से मदद के रूप में 100000 रुपए की राशि दी जाएगी । सरकार की इस घोषणा का लाभ ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को मिलना चाहिए। अभी तो स्थिति यह है कि कोरोना से मरने वाले 10 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति की मौत को ही प्रशासन के द्वारा माना गया है। ऐसे में जिन लोगों की मौत को प्रशासन के द्वारा कोरोनावायरस से मौत के रूप में नहीं माना गया है उन लोगों के परिवारों को सरकार की सहायता का लाभ नहीं मिल सकेगा। ऐसे में सरकार की यह योजना कागजी बनकर रह जाएगी।

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कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह तो सभी को मालूम है कि इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या में जमकर हेराफेरी की गई है। निजी अस्पताल में मरने वाले लोगों के नाम को मृतकों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। कोरोना का संक्रमण का शिकार होकर इलाज के इंतजार में अस्पताल के गेट पर बैठे-बैठे दम तोड़ देने वाले लोगों के नाम भी कोरोना से मरने वालों की सूची में शामिल नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के द्वारा यह बीड़ा उठाया जा रहा है कि इस संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई है उन लोगों के परिवार के सदस्यों से मृत्यु के दस्तावेज इकट्ठा कर ऐसे सारे दस्तावेजों की फाइल बनाकर उन लोगों का दावा प्रशासन के और शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। ताकि उनके परिवार के सदस्यों को 100000 रुपए की सहायता मिल सके। इसी मकसद से कल से यह कार्यालय शुरू किया जा रहा है।


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meena

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