संतो ने कहा: ऐसा गंदा निर्णय तो आजम खान ने अपने कार्यकाल में भी नहीं लिया
11/20/2018 10:38:54 AM
सतना: भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां आम जनता नाखुश दिखाई दे रही है और हर तरफ से विरोध की खबरे आ रही है वहीं अब विरोध का एक नया मामला सामने आया है जिसमें आने वाले जनवरी 2019 में जो महाकुंभ होगा उसका साधु-संत बहिष्कार करेंगे। साधु समाज का कहना है कि बीजेपी सरकार ने उनको अनदेखा किया है इसलिए हमने यह निर्णय लिया है।
जानकारी के अनुसार, यह फैसला रविवार को चित्रकूट के ब्रह्मपुरी आश्रम में संत महंतो ने बैठक के दौरान लिया है। महामण्डलेश्वर रामचंद दास विश्रामघाट चित्रकूट ने बैठक कि अध्यक्षता की। जिसमें सभी कैंपधारी संत-महंतों ने हिस्सा लिया। संतो का आक्रोश है कि प्रयाग में लगने वाले सभी कुंभ व महाकुंभ के दौरान गंगा किनारे से लेकर मुक्ति मार्ग व त्रिवेणी रोड़ से लेकर दक्षिण अक्षयवट तक यथा स्थान पर खाक चौक के साधु संत बसाए जाते थे। इसके पहले 2007 और 2013 में सपा सरकार के मंत्री आजम खान ने भी संतो को उसी स्थान पर बसाया था। लेकिन भाजपा सरकार में अधिकारी व अखाड़ा परिषद के लोग मिलकर खाक चौक के संतो की अवहेलना कर रहे हैं। इस बार सरकार ने खाक चौक के संतो को निर्धारित स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर बसाने का निर्णय लिया है। जो कि संतो के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। बैठक के दौरान खाक चौक के संतो ने कहा कि ऐसा गंदा निर्णय तो आजम खांन ने अपने कार्यकाल में नहीं लिया। संतो ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा है कि सभी रिकार्ड शासन-प्रशासन के पास मौजूद हैं उसके आधार पर ही महाकुंभ में संतो को बसाया जाए। नहीं तो संत इसका बहिष्कार कर विरोध करेंगे। बैठक में महामण्डलेश्वर के अलावा महंत रामनरेश दास,मदन गोपाल दास एवं अन्य संत मौजूद रहे।