सतना का युवक थाईलैंड में गिरफ्तार, परिजनों ने रो-रोकर मोदी सरकार से लगाई मदद की गुहार

7/25/2022 7:00:14 PM

सतना(अनमोल मिश्रा): मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक युवक की मलेशिया की एलोर सेंटर जेल में बंद होने की सूचना सामने आ रही है। युवक ने खुद अपने पिता को मोबाइल पर वॉइस मैसेज भेजकर यह जानकारी दी। बेटे का जेल में बंद होने की खबर सुनकर उसके माता पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। बेटे की रिहाई के लिए उसके माता-पिता ने पीएम मोदी सरकार, सतना सांसद एवं जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

बता दें कि सतना जिले के बिरला टपरिया बस्ती निवासी 24 वर्षीय युवक अमित मल्लाह 12 एवं 13 जून की रात अपने घर से काम की तलाश में सतना से थाइलैंड गया था। युवक अमित मल्लाह एजेंट के माध्यम से थाईलैंड के लिए घर से निकला। लेकिन 20 जून को उसने अपने पिता रामजी मल्लाह को मलेशिया की एलोर सेंटर जेल में कैद होने की सूचना वॉइस मैजेस के जरिए भेजी।



यह खबर सुनते ही युवक के माता पिता के होश उड़ गए। बेटे की रिहाई के लिए उसके माता पिता पीएम मोदी सहित सतना जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इस मामले में सक्रियता तब आई जब युवक के पिता रामजी मल्लाह ने सतना के एक अधिवक्ता सुखेन्द्र पांडेय के ट्विटर के जरिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर गुहार लगाई, रामजी के अधिवक्ता सुखेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को दूतावास को ट्विट कर वस्तु स्थिति की जानकारी दी थी, उन्हें 15 जुलाई को जल्द से जल्द मदद का आश्वासन मिला। अगले दिन उन्हें आश्वस्त किया गया कि मदद के लिए मेल के जरिए काउंसलर उनसे संपर्क करेगा।



इधर जेल में कैद होने की खबर के बाद यहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, अमित मल्लाह के पिता पेशे से श्रमिक है, अमित 15 दिन के वीजा ऑन अराइवल पर 12 एवं 13 जून की रात घर से कोलकाता के लिए निकला था, 13 जून को कोलकाता से वह स्पाइस जेट नंबर- एसजी 742 (सीट नम्बर- 23ई) से रवाना हुआ और 14 जून को बैंकाक पहुंचा। पिता के मुताबिक इसी रात उसकी मोबाइल पर बात हुई।  



पिता की बेटे से अंतिम बार बात 20 जून को हुई।  तभी उसने बताया कि उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाद में अमित के पिता रामजी को वीजा कराने वाले एजेंट के मैसेज से इस बात का पता चला कि बेटा मलेशिया की एलोर सेंटर जेल में कैद है।  उसने आश्वस्त किया कि करीब 15 दिन में छूट जाएगा, लेकिन 1 माह बीत जाने के बाद भी अमित का कोई सुराग नहीं है।



वही इस मामले को अधिवक्ता सुखेंद्र कुमार पांडेय ने मानव तस्करी बताया, उनकी माने तो अमित ने अपना पासपोर्ट भोपाल में बनवाया था, उसे वीजा दिलाने में बिहार के गोपालगंज थाना अंतर्गत मोहम्मदपुर निवासी अरविंद उत्तम कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी। अरविंद उत्तम कुमार असल में सागर मैन पावर सर्विसेज का एजेंट है। अमित का वीजा ऑन अराइवल 14 जून से 27 जून तक वैध था, वीजा तैयार कराने में यूपी के प्रयागराज के किसी बाल मुकुंद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। पिता रामजी मल्लाह के मुताबिक वीजा के एवज में उसके बेटे से 74 हजार रुपए लिए गए थे। जब वह गया था, तब उसके एकाउंट में 55 हजार रुपए थे, अमित कम पढ़ा लिखा है, उसे अंग्रेजी नहीं आती। हम सोशल मीडिया के माध्यम से अमित का पता लगाने में जुटे हुए हैं।

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