बाढ़ प्रभावितों से बोले मंत्री सिलावट, 'मुझे सीएम कमलनाथ ने भेजा है, बताओ कौन अधिकारी नहीं सुनता'

8/10/2019 5:47:10 PM

खंडवा: बरसात के मौसम में लगातार बारिश होने के बाद समुचे भारत में हाहाकार मचा हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश में हो रही बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लगातार बारिश के कारण जनजीवन भी पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। खंडवा में गंभीर स्थिती बनी हुई है, कई गांवों को खाली करवाया जा रहा है तो कई गांवों से संपर्क टूट गया है। वहीं मंत्री तुलसी सिलावट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सुंदरदेव और आशापुर में लोगों से मिलने पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों की मौजूदगी में बाढ़ से प्रभावित लोगों से कहा कोई कष्ट या तकलीफ हो तो मुझे बताए, कौन अधिकारी आपकी नहीं सुनता मुझे बताओं।


इस दौरान सिलावट बाढ़ पीड़ित परिवारों से घर-घर जाकर मिले, प्रभावितों से चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ प्रभावितों से कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुझे यहां भेजा है। कोई कष्ट या तकलीफ हो तो मुझे बताए, कौन अधिकारी आपकी नहीं सुनता मुझे बताओ। इस दौरान ग्रामीणों ने मंत्री से स्टाप डेम तोड़े जाने की मांग की।ग्रामीणों ने कहा कि पटवा नदी पर एक स्टाप डेम बना है, जिसमे नदी का पानी बारिश के दिनों में नहीं निकल पाता व गांव में घुस जाता है।  इस पर मंत्री ने कलेक्टर से कहा कि जो स्टाप डेम ग्रामीणों को फायदा देने की बजाय नुकसान पहुंचा रहा है, उसे तुड़वा देना ही उचित है। 


मुआवजा देने के साथ सर्वे करने के दिए आदेश
वही मंत्री सिलावट ने राजस्व विभाग से बाढ़ प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने की जानकारी के साथ ही वन विभाग को निर्देशित किया कि ग्रामीणों को अपने टूटे हुए घर सुधारने के लिए बांस -बल्ली उपलब्ध कराई जाएं। खाद्य विभाग को निर्देशित किया गया कि गेहूं, चावल के साथ ही दाल भी इन्हें उपलब्ध कराई जाएं। सिलावट ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ पीड़ितों के घर-घर जाकर सर्वे करें और आरबीसी 6 (4) के तहत प्रकरण तैयार कर राहत दिलवाएं। 

सीएम पहले ही दे चुके है सतर्क रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में भारी बारिश के चलते सभी जिलों में आपदा प्रबंधन की पुख्ता व्यवस्था और सभी एहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।  उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि वे उन स्थानों पर विशेष नजर रखें, जहां भारी वर्षा के चलते ज्यादा खतरा संभावित है। निचली बस्तियों में पानी भराव की स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू करें और राहत शिविर लगाने की पूरी तैयारी रखें।री

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