बीजापुर मुठभेड़ में 6 इनामी खूंखार नक्सली ढेर, मृतकों में वरिष्ठ माओवादी नेता पापा राव की पत्नी भी शामिल
Thursday, Nov 13, 2025-07:10 PM (IST)
बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए छह नक्सलियों में वरिष्ठ माओवादी नेता पापा राव की पत्नी उर्मिला और माओवादी बुचन्ना कुडियम शामिल हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुचन्ना उर्फ कन्ना (35) पिछले एक दशक में सुरक्षा बलों, नागरिकों और विकास परियोजनाओं को निशाना बनाकर किए गए कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था, जबकि उर्मिला माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन के लिए रसद आपूर्ति की मुख्य संचालक थी।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र यादव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंगलवार (11 नवंबर) को इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के अंदरूनी इलाके कांदुलनार और कचलारम गांव के जंगल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली मारे गए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के कांदुलनार, कचलारम और गुज्जाकोंटा के जंगलों में स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पापाराव, मद्देड़ एरिया कमेटी के प्रभारी कन्ना ऊर्फ बुचन्ना, डिविजनल कमेटी सदस्य उर्मिला, मोहन कड़ती और पश्चिम बस्तर डिवीजन के 50-60 माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया।
यादव ने बताया कि मुठभेड़ में उर्मिला, बुचन्ना और चार अन्य माओवादियों को मार गिराया गया, जबकि अन्य वरिष्ठ नेता भागने में सफल रहे। अधिकारी ने बताया कि चार अन्य मृतकों की पहचान पांच लाख रुपये के इनामी, एरिया कमेटी के सदस्य जगत तामो ऊर्फ मोटू तथा प्लाटून सदस्य देवे, भगत और मंगली ओयम शामिल हैं। इन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम है। यादव ने बताया कि आठ लाख रुपये के इनामी बुचन्ना दक्षिण बस्तर में सक्रिय सबसे खूंखार माओवादी नेताओं में से एक माना जाता था। वह पिछले एक दशक में सुरक्षाबलों, नागरिकों और विकास परियोजनाओं को निशाना बनाकर किए गए कई बड़े नक्सली हमलों का एक प्रमुख साजिशकर्ता भी था। उन्होंने बताया कि बीजापुर जिले के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं और 18 गिरफ्तारी वारंट लंबित है।

अधिकारी ने बताया कि बुचन्ना ने कई बड़े हमलों में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें जुलाई 2008 में कोंगुपल्ली पुलिस चौकी पर हमला और जनवरी 2016 में नुकनारपाल कैंप पर हमला शामिल है। यादव ने बताया कि वह कथित तौर पर 20 से अधिक ग्रामीणों की हत्या में शामिल था और उस पर बारूदी सुरंग में विस्फोट करने तथा वाहनों और मोबाइल टावरों में आग लगाने का आरोप है। एसपी के मुताबिक, कन्ना ऊर्फ बुचन्ना की मौत से क्षेत्र में फैले आतंक के एक लंबे अध्याय का अंत हुआ है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बरामद दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और सामान से पुलिस को यह संकेत मिले हैं कि बुचन्ना का शहरी नेटवर्क से गहरा संपर्क था और पुलिस की टीमें अब इस नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी हैं और जल्द ही उससे जुड़े महत्वपूर्ण खुलासे किये जायेंगे।
अधिकारी ने बताया कि आठ लाख रुपये की इनामी उर्मिला ‘मोस्ट वांटेड' माओवादी कैडर पापाराव की पत्नी थी, जो प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल है। उनके मुताबिक, दोनों लंबे समय से क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। एसपी ने बताया कि उर्मिला पामेड़ एरिया कमेटी में सचिव के पद पर सक्रिय थी, जो माओवादी संगठन की सबसे हिंसक एरिया कमेटियों में से एक मानी जाती है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में आम ग्रामीणों की हत्या की सर्वाधिक घटनाएं इसी एरिया कमेटी के अंतर्गत हुई हैं तथा उर्मिला इस कमेटी की सचिव होने के साथ-साथ संगठन की राजनीतिक शाखा में भी सक्रिय रही। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर माओवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना नए सदस्यों को भय दिखाकर संगठन में भर्ती करने और ग्रामीण समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी उर्मिला की थी तथा वह पीएलजीए बटालियन की रसद व्यवस्था संभालती थी। यादव ने कहा कि उर्मिला की मौत से न केवल पामेड़ एरिया कमेटी की गतिविधियों को गहरा आघात पहुंचा है, बल्कि पीएलजीए बटालियन की आपूर्ति व्यवस्था पर भी चोट हुई है। यह माओवादी संगठन के लिए एक दोहरा झटका साबित हुआ है।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से दो इंसास राइफल, पांच मैगजीन, नौ एमएम की एक कार्बाइन, तीन मैगजीन, एक .303 राइफल, एक मैगजीन, एक सिंगल-शॉट राइफल, एक 12 बोर बंदूक, रेडियो सेट, स्कैनर, मल्टीमीटर, हथगोले, सेफ्टी फ्यूज, विस्फोटक सामग्री, माओवादी साहित्य, वर्दी, चिकित्सा सामग्री और अन्य सामग्रियां बरामद की गईं।
अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक बीजापुर जिले में अलग-अलग मुठभेड़ों में 144 माओवादी मारे गए, 499 माओवादी गिरफ्तार हुए और 560 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले 20 महीनों में सात जिलों वाले बस्तर संभाग में अब तक केंद्रीय समिति के कई सदस्यों, डीकेएसजेडसी सदस्यों, पीएलजीए माओवादियों सहित कुल 447 माओवादी माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं।
आईजी ने दोहराया, ''हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, एक शांतिपूर्ण और नक्सल-मुक्त बस्तर। मौजूदा हालात में माओवादी संगठन पूरी तरह से घिर गया है और उसके पास हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है

