शिवराज के लिए मुसीबत बना बेटे का कारोबार, कांग्रेस ने की आरोपों की बौछार
10/12/2018 6:29:58 PM
भोपाल: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के लिये अभिशाप साबित हुईं। मोदी सरकार बर्बरतापूर्वक अन्नदाता को लहु-लुहान कर देती है। और शिवराज सरकार फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां उतार देती है इतना ही नहीं गोली मारने वालों को गले लगाती है और हत्यारों का साथ देती है।
किसान फांसी के फंदे पर रहे झूल, भाजपाई खेतों में उग रहे करोड़ों के अनार और फूल’!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 12, 2018
वादा था ‘लागत + 50 प्रतिशत’ समर्थन मूल्य का देंगे मौका,अब कर रहे अन्नदाता से धोखा
‘किसानों को उतारा मौत के घाट, पर ‘मामा’ का दूध बिकता है रू. साठ’
भोपाल में आज प्रेस वार्ता- pic.twitter.com/ehGLGsDXrr
सुरजेवाला ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश का किसान अपनी फसलों के उचित दामों के लिये दर-दर की ठोंकरें खाता है और प्रदेश का मुखिया अपने खेतों में करोड़ों के अनार और फूल उगाता है। न उसे समर्थन मूल्य की दरकार है, न मंडियों में अपनी फसल के बिकने का इंतजार। प्रदेश में एक भी किसान ऐसा नहीं, जिसका दूध साठ रूपये लीटर बिकता हो, लेकिन मुख्यमंत्री, शिवराज चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान का सुधामृत दूध अधिकारियों के दबाव में साठ रूपये प्रति लीटर जबरन बिकवाया जाता है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में किसानों के नाम की ऐसी कोई योजना नहीं है, जो भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ी हो।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि शिवराज सरकार में प्याज खरीदी के नाम पर 1100 करोड़ रूपये का घोटाला हुआ। पहले तो किसानों से खरीद कर गोदामों में रखना बताया, फिर उस प्याज को सड़ा हुआ बताकर सारा पैसा डकार गये। इसी प्रकार दाल में भी 250 करोड़ का घोटाला सामने आया है, सरकार कहती है कि हरदा जिले में 3.58 लाख टन मूंग दाल खरीदी गई है, जो कि सरकारी दस्तावेज कहते हैं कि इतनी ज्यादा मात्रा में वहां दाल पैदा ही नहीं होती है, 550 रुपए के समर्थन मूल्य पर दाल खरीदी जाती है। वहीं प्रदेश की की छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 500 मंडियों में किसानों का भोजन भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। किसानों के भोजन के लिये बाकायदा कूपन मुद्रित कराकर किसानों को दिये जाने का प्रावधान है। मगर वह कूपन किसानों को देनेे की अपेक्षा भाजपा सरकार अपनी जेब में रखती है और किसानों का हक खा जाती है।