BJP और कांग्रेस के छात्र नेताओं ने थाने में की गुंडागर्दी!, SP अमित सिंह ने उतार दी सारी मस्ती

8/4/2019 6:48:58 PM

जबलपुर (विवेक तिवारी): संस्कारधानी की राजनीति और खास तौर पर छात्र राजनीति प्रदेश की नहीं बल्कि देश भर में अपनी अमिट छाप छोड़ती जा रही है, हाल में ही आधारताल में बीजेपी के कुछ राष्ट्रवादी नेताओं के द्वारा एक पुलिस वाले से गुंडागर्दी का वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन इस बार तो युवा नेताओं ने हद ही कर दी। ABVP और NSUI के छात्र नेता आपस में तो उलझे ही। पुलिस वालों तक से गाली गलौच कर दी। जबलपुर के छात्र राजनेताओं में से एक लखन घनघोरिया जो कि मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री है, दूसरे दमोह से सांसद प्रह्लाद पटैल केंद्रीय मंत्री है, तो वहीं  मध्यप्रदेश की बीजेपी की कमान जबलपुर के सांसद राकेश सिंह संभाल रहे हैं। ये राजनेता अपनी राजनीतिक सुचिता के लिए पहचाने जाते हैं लेकिन इनसे हट कर जो आज की छात्र राजनीति की तस्वीर पंजाब केसरी दिखा रहा है, उसने संस्कारधानी की वर्तमान छात्र राजनीति पर दाग लगा दिया है।



मर्यादा और अपने अनुशासन को तोड़ती ये तस्वीरें जबलपुर के सिविल लाइन थाने के अंदर की हैं। पंजाब केसरी के हाथ लगी CCTV फुटेज में ABVP और NSUI के छात्र राजनेता थाने के अंदर ही बवाल करते नजर आ रहे हैं। एक दूसरे पर टूट रहे हैं, मान मर्यादा को ताक पर रख कर थाने को ही युद्ध का मैदान बना दिया गया, दोनों ही दलों के नेता थाना परिसर में खुलकर गाली गलौज करते नजर आए।





ये सीन देख कर ऐसा लगा जैसे ये नेता नही गुण्डे है, थाने के अंदर और बाहर उत्पात मचाते छात्र राजनेताओं ने जब थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों की बात न सुनी। तो जबलपुर एसपी अमित सिंह ने खुद लाठी थामी और उत्पात मचाते इन अनुशासनहीन नेताओं को की सारी मस्ती उतार दी,  और थाने के बाहर किया। ये छात्र राजनेता सांइस कॉलेज में बी एड के फॉर्म जमा करते वक्त प्रोफेसर और एन एस यू आई के बीच हुए विवाद को ले कर पहुंचे थे। लेकिन अपनी मर्यादा को भूल बैठे।



जबलपुर की छात्र राजनीति शिखर से जमीन पर गिरती देखने के बाद सवाल उठने लगा है की आखिर ये बदलाव क्यों हो रहा है। ऐसा क्यों है कि आंदोलन का स्वरूप गाली गलौज और मारपीट ने ले लिया है। इनकी दशा को सुधारने की जगह अब बीजेपी के नेता इनके समर्थन में भी खड़े होने लगे हैं। पुलिस ने जो लाठीचार्ज किया उसका विरोध हो रहा। लेकिन मारपीट और गाली गलौच, टूटते अनुशासन पर सभी चुप हैं। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है, की ये राजनेता इन छात्रनेताओं को नेता बना रहे हैं या गुंडा? क्या इन पर कार्यवाही होगी, या फिर इनको खुलेआम गुंडागर्दी करने की छूट दी जाएगी। अगर ये पुलिस पर ही हावी हो जाएंगे। तो वो दिन दूर नही, जब ये नेता नही गुंडो की शक्ल में जगह-जगह उत्पात मचाते नजर आएंगे।  

Vikas kumar

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