fake GST Form: शासन के राजस्व को हानि पहुंचने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, इतने करोड़ का लगाया ''चूना''

6/17/2022 4:58:36 PM

इंदौर (सचिन बहरानी): इंदौर के नागरिकों के दस्तावेजों को GST Portal पर प्रयोग कर फर्जी जीएसटी फर्म बनाकर फर्मो का उपयोग कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने वाले मुख्य आरोपी आमिर हलानी और अर्सन मर्चेंट को इंदौर में राज्य सायबर सेल ने गिरफ्तार किया है। सेंट्रल जीएसटी, माणिक बाग को इंदौर शहर के नागरिकों के दस्तावेजों का प्रयोग कर जीएसटी के ऑनलाइन पोर्टल पर 6 जीएसटी फर्मो का रजिस्ट्रेशन करने की जानकारी मिली थी। जिसकी शिकायत सेंट्रल जीएसटी ने सायबर सेल से की थी।

फर्जी दस्तावेजों की दम पर खोली अवैध फर्म

शिकायत मिलने के बाद  टीम ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि अज्ञात आरोपियों ने दस्तावेजों को कूटरचित करके ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल पर उपयोग कर ऑनलाइन पहचान चोरी करके फर्जी जीएसटी फर्म बनाकर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई है।

सदिंग्धों से पूछताछ में हुआ खुलासा

मामले की गंभीरता को देखते हुवे साइबर सेल ने एक टीम बनाई और जांच शुरू की और सदिंग्धों से पूछताछ की और आरोपी सुलेमान करीम अली मेघानी, निवासी सुरत, गुजरात को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, आरोपी सुलेमान से पूछताछ में उसने जीएसटी के इस धोखाधडी में मुखिया आमिर ए हलानी और उसके सहयोगी अरसान मर्चेंट का नाम बताया। 

5 दिन की पुलिस रिंमाड में खुले कई राज

दोनों आरोपियों को इंदौर में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों आरोपी आमिर ए हलानी और उसके सहयोगी अरसान मर्चेंट को कोर्ट की अनुमति से प्रोडक्शन वांरट पर इंदौर की सेन्ट्रल जेल से लाकर 5 दिन की पुलिस रिंमाड पर लिया है। दोनों आरोपियों से साइबर सेल ने सख्ती से पूछताछ की। जिसे उनकी पुछताछ में आरोपी आमिर हलानी ने दलालों से जीएसटी में रजिस्ट्रेड बनी बनाई फर्म भावनगर, राजकोट, मुंबई से संदिग्ध व्यक्तियों से प्रति फर्म 70 हजार रुपये से 1 लाख रुपये में खरीदना बताया गया। आरोपियों ने इंदौर के पते पर रजिस्ट्रर्ड 19 अन्य फर्मो का और पता चला।

फर्जी फर्म के किस बैंक में खुले खाते 

कुल 25 जीएसटी फर्मे, जीएसटी के ऑनलाइन पोर्टल पर इंदौर शहर के नागरिकों के दस्तावेजों का गलत उपयोग कर बनाने का पता चला। 25 फर्जी फर्म में किसके बैंक अकाउंट खुले, इसकी भी जांच की जा रही है।

 

 

Devendra Singh

This news is News Editor Devendra Singh