स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, बढ़ेगी परेशानी

7/23/2018 11:23:51 AM

भोपाल : स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर भोपाल के जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर चले गए हैं। जूडॉ की इस हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं गड़बड़ाने की आशंका है। भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल समेत सभी कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर इस बेमियादी हड़ताल में शामिल हैं। 10 हजार रुपए तक स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूडॉ हड़ताल कर रहे हैं। जूडॉ की इस हड़ताल से मरीजों को इलाज व दवाएं मिलने में मुश्किल आएगी। रूटीन के ऑपरेशन भी टालने पड़ सकते हैं। इधर नर्स एसोसिएशन भी हड़ताल पर है।

आपको बता दें कि पीजी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष का स्टायपेंड क्रमशः 45 हजार, 47 हजार और 49 हजार रुपए है। जूडॉ इसे बढ़ाकर क्रमशः 65 हजार, 67 हजार व 69 हजार रुपए करने की मांग कर रहा है। इसके लिए जूडॉ का चरणबद्ध आंदोलन कई दिन से चल रहा है। वे अलग ओपीडी चला रहे थे। लेकिन सोमवार से उनकी प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू हो गई। इस हड़ताल से भोपाल हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में असर दिखने लगा है।

एसीएस ने आज बुलाई बैठक
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) राधेश्याम जुलानिया ने मांगों को लेकर जूडा से चर्चा करने के लिए सोमवार दोपहर को बुलाया है। दोपहर 12.30 बजे जूड़ा से चर्चा के बाद जूडा आगे की रणनीति तय करेगा। इस हड़ताल में पांच मेडिकल कॉलेजों के करीब 1500 जूनियर डॉक्टर शामिल हैं।

नर्स भी हड़ताल पर
इधर संयुक्त मोर्चा चिकित्सा शिक्षा स्वशासी कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वशासी कर्मचारी भी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर हैं। सभी विभागों को 7वां वेतनमान मिल गया है, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी कर्मचारियों को यह वेतनमान देने की घोषणा अभी तक नहीं हुई। हड़ताल में नर्स, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, सोशल वर्कर व अन्य स्टाफ शामिल है। इंदौर में भी नर्स एसोसिएशन एम वाय अस्पताल के बाहर आंदोलन कर रहे हैं।

नर्सिंग स्टूडेंट को लगाया
मामले पर हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ.एके श्रीवास्तव का कहना है कि जूडा की जगह फैकल्टी, पीजी करने वाले सरकारी डॉक्टर्स, सीनियर रेसीडेंट्स की ड्यूटी लगाई है। स्वशासी नर्सिंग स्टाफ की जगह निजी कॉलेजों की ट्रेनी नर्सेस की ड्यूटी लगाई है।

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