एक किसान की बेटी का संघर्ष, जिसने असंभावनाओं को भी पराजित कर लहराया देश का परचम
3/8/2022 7:03:17 PM
पन्ना (टाइगर खान): मशहूर हीरो के लिए पन्ना दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है। लेकिन उन को प्रोत्साहन एवं सहयोग ना मिलने की वजह से आज कई प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। लेकिन इन सबके बावजूद जिले के एक छोटे से ग्राम निवारी के किसान की बेटी ने अभावों के बीच संघर्ष करते हुए तलवारबाजी में राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 11 मेडल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराते हुए अंतरराष्ट्रीय एशियन जूनियर कैडेट फेंसिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है। इसका आयोजन उज्जबेकिस्तान में हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर देखिए किसान की बेटी प्रज्ञा की उड़ान...
जमीन बेचकर कराई पढ़ाई
छोटे से गांव निवारी में रहने वाले किसान नरेंद्र सिंह की बेटी प्रज्ञा चौहान एक साधारण किसान की बेटी हैं। परिवार का जीवन भी बड़ा संघर्षशील रहा। प्रज्ञा की दो और बहने हैं। प्रज्ञा के दादा ने बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी जमीन बेचकर उनकी पढ़ाई कराई। इसके साथ ही प्रज्ञा ने तलवारबाजी में हाथ आजमाया और ट्रेनिंग शुरू कर दी। धीरे-धीरे रुझान बढ़ता गया और वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक के विनर को टीवी में तिरंगा झंडा ओढ़े हुए अपना इंटरव्यू देते हुए सु।ना जिसके बाद प्रज्ञा के मन में भी उनके जैसा बनने का विचार आया।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अर्जित किए पदक
ग्वालियर में खेल एकेडमी में पुरस्कार वितरण समारोह में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के एक बयान ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। प्रज्ञा ने अपने गेम पर पूरा ध्यान दिया और खूब मेहनत की। लेकिन फिर भी वह हार जाती थी। बावजूद इसके प्रज्ञा लगातार संघर्ष करती रही और सब कुछ छोड़कर केवल ट्रेनिंग पर ध्यान देती रही। इन सबके बीच प्रज्ञा की मां की मौत हो गई। जिसके बाद प्रज्ञा को लग रहा था कि शायद अब वह वापस खेल की ओर नहीं जा पाएगी। लेकिन दादा और पापा के समझाने पर प्रज्ञा ने भोपाल में आकर खूब मेहनत की और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक अर्जित किए।
ओलंपिक में चाहती है खेलना
प्रज्ञा बताती हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर वह 11 पदक अर्जित कर चुकी है। जिसका श्रेय वह मध्य प्रदेश राज्य खेल अकादमी और अपने कोच भूपेंद्र सिंह को देती हैं। इन्हीं सबके सहयोग और प्रेरणा की वजह से प्रज्ञा ने जूनियर एशियन प्रतियोगिता में पदक अर्जित किया है। प्रज्ञा का सपना है कि वह आगे भी देश के लिए पदक अर्जित करें और ओलंपिक तक पहुंचे।