मोटी तनख्वाह लेते हैं घर बैठे शिक्षक, शासन बेसुध

2/7/2019 5:27:33 PM

भिंड: विद्या के मंदिर में जब ज्ञान बांटने वालों का यह हाल है तो प्रदेश में शिक्षा का स्तर कैसा होगा। बेशक सरकारी स्कूलों पर सरकारें काफी पैसा खर्च करती हैं। बड़े-बड़े भवन बनाए जा रहे हैं। उनमें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था भी की गई। लेकिन शिक्षक अपने कर्तव्यों से दूर भाग रहे हैं। वह बच्चों को ना पढ़ाते हुए घर बैठे ही सरकारी खजाने से तनख्वाह ले रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूलों की जांच के लिए बीएसी और बीआरसी अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। लेकिन वह भी अपने कर्तव्य की ओर ध्यान नहीं देते। ऐसे में यहां पर पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है।



हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की बोर्ड परीक्षा सर पर हैं। इन बोर्ड परीक्षा से पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की स्थिति जानने के लिए जब मीडिया ने स्कूलों का रियलिटी टेस्ट लिया तो इसमें परिणाम बेहद ही चौंकाने वाले देखने को मिले। आधा दर्जन स्कूलों में छात्रों की संख्या तो बेहद कम थी शिक्षक भी स्कूलों से नदारद दिखे। कहीं पर छः में से दो शिक्षक मिले तो कहीं पर इससे भी खराब स्थिति देखने को मिली। वहीं जब उपस्थित शिक्षकों से अनुपस्थित शिक्षकों के बारे में पूछताछ गया तो उनका कहना था कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। रियाल्टी टेस्ट में मुख्य स्कूल हैं शासकीय हाई स्कूल घूमरी, शासकीय हाई स्कूल गाता, शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कनाथर 

ASHISH KUMAR

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