जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रश्नपत्र में क्रांतिकारियों को बताया आतंकवादी, यूनिवर्सिटी ने जांच के आदेश

12/27/2019 6:43:21 PM

भोपाल (इज़हार हसन खान): मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का उच्च शिक्षा विभाग विवादों में आ गया है। वजह उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली ग्वालियर यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की जा रही MA की परीक्षा में पूछा गया एक प्रश्न है, जिस प्रश्न में क्रांतिकारियों को क्रांतिकारी आतंकवादी लिखा गया है। मामला सामने आते ही भाजपा ने इसे कांग्रेस की मानसिकता बताते हुए कहा कांग्रेस सिर्फ नेहरू परिवार का महिमामंडन करना जानती है वहीं बैकफुट पर आए कांग्रेस के उच्च शिक्षा मंत्री ने इस मामले को गंभीर चूक बताते हुए मामले पर जांच बैठा दी है।

भले ही कहा जाता हो कि आतंकवाद की कोई धर्म जाति या परिभाषा नहीं होती है। लेकिन आतंकवाद को क्रांतिकारी बताया जाए और वह भी सरकार द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी के एक प्रश्न पत्र में तो विवाद खड़ा हो जाना लाजिमी होता है। जी हां मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की जा रही तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में कुछ ऐसा ही प्रश्न पूछा गया जिसके चलते प्रदेश भर में विवाद खड़ा हो गया है। प्रश्न पत्र में पूछा गया है क्रांतिकारी आतंकवादियों के कार्यकलाप का वर्णन कीजिए और उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है। जाहिर है आतंकवादियों की क्रांतिकारियों से की गई इस कथित तुलना से बीजेपी ने पूरी कांग्रेस सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में केवल क्रांतिकारियों का अपमान होता है क्योंकि वह चाहते हैं कि से नेहरू परिवार का ही महिमामंडन हो।

दरअसल जीवाजी यूनिवर्सिटी में M.A. तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। M.A. तीसरे सेमेस्टर के राजनीति विज्ञान के पेपर में भारतीय राजनैतिक आधुनिक चिंतन में ये प्रश्न पूछा गया था। इस प्रश्न को लेकर जहां राजनीतिक संगठनों को आपत्ति है वहीं छात्रों को भी आपत्ति थी। उनका मानना था कि क्रांतिकारी शब्द के साथ आतंकवादी शब्द लगाना क्रांतिकारियों का अपमान है। मामले की गंभीरता को देखते ही कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी सामने आए इस मामले को गंभीर चूक बताते हुए जांच कमेटी बैठाते हुए 3 दिन के अंदर रिपोर्ट सामने आने पर दोषियों पर कार्यवाही की बात कही है। वहीं सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि जो प्रश्न पत्र आता है, इसकी एक गोपनीय व्यवस्था रहती है, और क्योंकि यह चूक नहीं एक बहुत बड़ी भूल है, पटवारी ने कहा कि 3 दिन में जांच पूरी करके दोषी का पता लगाकर उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।



भारत की जंग-ए-आजादी में अपना योगदान देने वाले तमाम क्रांतिकारियों को भारत में श्रद्धा और सम्मान के साथ देखा जाता है वहीं बढ़ते आतंकवाद और उग्रवाद के चलते होने वाली हिंसा मौतों को भारत में नफरत की नजर से देखा जाता है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग की परीक्षा में नफरत की नजरों से देखे जाने वाले आतंकवाद की तुलना क्रांतिकारियों से किए जाने पर सवाल और विवाद उठना लाजिमी हो जाता है।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh