मानव अधिकार हनन के 7 प्रकरणों में आयोग ने लिया संज्ञान

6/29/2018 5:36:15 PM

भोपाल : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने धार जिले में बैल की जगह अपनी पत्नी को जोतने के मामले सहित सात प्रकरणों को संज्ञान में लेते हुये प्रतिवेदन तलब किये हैं। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में इलाज करा रहे दो बुजुर्ग मरीजों के पंलग दूसरे मरीज को देकर उन्हें बाहर बरामदे में लिटाने के मामले को संज्ञान लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और कलेक्टर छिंदवाड़ा से प्रतिवेदन तलब किया है तथा दोनों बुजुर्गों की देखभाल, ईलाज एवं भरण पोषण के संबंध में जानकारी मांगी है।

इसी तरह आयोग ने धार जिले के देलमी गांव में आदिवासी किसान शंकर द्वारा बैल की जगह अपने पत्नी आनंदीबाई को जोतने के मामले में कलेक्टर धार से प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन्दौर में सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में संज्ञान लेते हुये पुलिस अधीक्षक मन्दसौर से पंजीबद्ध अपराध, आरोपी की गिरफ्तारी, पीडिता की डाक्टरी जांच एवं नि:शुल्क ईलाज तथा अनुसंधान का प्रगति प्रतिवेदन पन्द्रह दिन में मांगा है। आयोग ने कालिया सोत शूटिंग प्रकरण में कारवाई न होने के मामले को भी संज्ञान लिया है और भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्रतिवेदन तलब कर जानकारी चाही है।

इसी तरह जिला बालाघाट के दर्जीटोला प्राथमिक स्कूल भवन में दरार आने पर स्कूल 11 साल से पेड़ के नीचे लगने के मामले को आयोग ने संज्ञान लिया है। इस मामले में कलेक्टर बालाघाट एवं खनिज अधिकारी बालाघाट से प्रतिवेदन तलब किया गया है। आयोग ने यहाँ के जिला अस्पताल में लापरवाही के कारण नवजात की मौत होने के मामले को भी संज्ञान में लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट से प्रसूता के अस्पताल में भर्ती होने के समय से डिस्चार्ज करने तक की केसशीट की प्रति सहित प्रतिवेदन मांगा है। इसी प्रकार मण्डला जिले के थाना बम्हनी बंजर में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मां की मृत्यु हो जाने के कारण मासूम बच्चों के दाने-दाने के लिए मोहताज हो जाने के मामले में आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने इस मामले में कलेक्टर मण्डला से प्रतिवेदन मांगा है।

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