देश का पहला सोलर विलेज बना MP का ये गांव, यहां चूल्हे पर नहीं पकता खाना

6/6/2019 12:05:41 PM

बैतूल: एमपी के बैतूल का एक गांव सोलर विलेज बन गया है। दावा है कि ये दुनिया का पहला सोलर विलेज है, जहां हर घर सूरज की रोशनी से रोशन है। यहां सौर ऊर्जा से बिजली के उपकरण चल रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, इस गांव में 74 घर है। सभी घरों में सोलर यूनिट है। यह आदिवासी लोगों का गाँव है, सौर उर्जा होने की वजह से गांव के लोग अब जंगल नहीं जाते, इसलिए जंगल कटने से बच गया। जिससे गांव प्रदुषण मुक्त हो गया। बता दें मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित बाचा नामक गांव से समाज के लिए एक सकारात्मक खबर सामने आई है। कुछ लोगों का यह दवा है कि न तो यहा चूल्हे पर खाना पकाया जाता है और ना ही एलपीजी गैस सिलिंडर का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस गांव के हर घर में सोलर सिस्टम की मदद से इंडक्शन पर खाना बनता है। आईआईटी मुंबई, ओएनजीसी और विद्या भारतीय शिक्षण संस्थान इस गाँव को दुनिया का पहला सोलर गांव होने का दावा कर रहे हैं।

गांव की पूरे देश में हुई चर्चा
पर्यावरण दिवस के मौके पर इस गांव की चर्चा पूरे देश में हुई। यहां टीवी पंखा तो चलता है मगर बिजली से नहीं बल्कि सौर ऊर्जा से इस गाँव में बल्ब जलते हैं, पंखा चलता है, टीवी चलता है लेकिन ये सब बिजली से नहीं बल्कि सौर उर्जा से। आईआईटी मुंबई ने इस गांव को सोलर विलेज बनने में मुख्या भूमिका निभाई है। इतना आता है खर्चा प्रत्येक घर में इस पुरे सिस्टम को लगाने में लगभग अस्सी हजार रुपये की लगात आई है। विशेषज्ञों का ऐसा कहना है कि ज्यादा ऑर्डर होने पर लागत को काम किया जा सकता है। इस चूल्हे से पांच सदस्यीय परिवार में एक दिन में तीन बार खाना बनाया जा सकता है। हालांकि इस गांव में सभी चूल्हे नि:शुल्क लगाए गए हैं।

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